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भास्कर
[ भाग ३
ने इसका इंग्लीश अनुवाद शुरू से करने का काम उठाया है, इसी लिये शिवपुरी में करीब छः महीने रह कर इसने मुनिराजों के पास एतद्विषयक अभ्यास किया था। सारे ग्रन्थ का गुजराती अनुवाद दो जगह से हुआ है-कुछ भाग का हिन्दी अनुवाद भी हुआ है। वर्तमान में उपलब्ध ऋषभचरित्रों की अपेक्षा इसमें विस्तार से चरित्र लिखा है। तुलनात्मक दृष्टि से श्रीजिनसेनाचार्य का महापुराण इसकी पद्धति का ग्रन्थ कहा जा सकता है। इसके अलावा भगवान् के चरित्र-विषयक हस्तलिखित ग्रन्थों के नाम और स्थान नीचे लिखे जाते हैं । ग्रन्थ का नाम ग्रन्थकर्ता
प्राप्तिस्थान नाभेय नेमि द्विसन्धान-काव्य श्रीहेमचन्द्राचार्य पाटण प्राचीन भंडार नं०१,झवरीवाडा, पाटण माभिनन्दनोद्धार-प्रबन्ध
डेलाका भंडार अहमदावाद ऋषभोल्लास-कान्य
डेला का भंडार अहमदावाद भरतवाहुबलि-कान्न
श्रीविजयधर्म लक्ष्मी ज्ञान-मंदिर आगरा बाहुबलिचरित्र
जैसलमेर ( मारवाड़) भरतचरित्र (प्राकृत)
डेक्कन कोलेज पूना भी आदिनाथ-चरित्र (प्राकृत) श्रीषद्ध मान सूरि
जैनेतर ग्रन्थ में ऋग्वेद, यजुर्वेद, महाभारत, मत्स्यपुराण, विष्णुपुराण, शिक्षात्रयी, न्यान्यबिन्दु प्रभृति में भगवान् श्री ऋषभदेव के सम्बन्ध में स्तुति अथवा नामोल्लेख आता है। भागवत में तो मैंने सब से ज्यादा देखा । पाँच वें स्कन्ध में अध्याय तीसरे (३) से लेकर नवमें (6) अध्याय तक. श्रीऋषभदेव का तथा भरतका चरित्र है। इसके अतिरिक्त और भी बहुत श्वेताम्बर जैन और जैनेतर प्रन्थों में भगवान् के सम्बन्ध में बहुत कुछ आता होगा। एतद्विषयक विद्वानों से मेरी प्रार्थना है कि वे लोग अपने ज्ञान का लाभ जनता को दें। जो विद्वान् वेद, ब्राह्मण, उपनिषद, पुराण व अन्य प्राचीन साहित्य का अध्ययन व अवलोकन करें, उन्हें उक्त प्रकार के उल्लेख नोट कर के प्रकाशित कर देना चाहिये।
नोट- वृहहिपनिका नामक प्राचीन प्रामाणिक सूची में इस ग्रन्थ का नाम है, जो जैन साहित्यसंशोधक भाग १ के दूसरे अंक में छपी है। २ यद्यपि मैं श्वेताम्बर दिगंबरादि भेदकारी नाम लिखना पसन्द नहीं करता हूं किन्तु प्रस्तुत लेख श्वेताम्बर ग्रन्थों के विषय में लिखा होने से यहाँ पर बारबार यह शब्द मजबूरन लिखना ही पड़ता है।