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________________ कतिपय (दि०) जैन संस्कृत प्राकृत ग्रन्थों पर प्राचीन कन्नड टीकायें। . मूल ग्रन्थ टीकाकार समय विशेष व्यवस्था संख्या १९वीं शताब्दी ईस्वी सन् केशव वर्णी | १३५६ ईस्वी सन् अभयसूरि-सिद्धान्त चक्रवर्ती के शिष्य । वीरनन्दि मेघचन्द्र विद्यदेव के शिष्य । अकलंकाष्टक (सं०) अमितगतिश्रावकाचार , आचारसार अत्मानुशासन आराधनासार कर्मप्रकृति (प्रा०) शांतिकीर्ति | १७५५ १५ वीं शताब्दी लगभग ११५० " भास्कर कल्याणकारक (सं०) सोमनाथ यह पूज्यपादकृत कल्याणकारक का अनुवाद है। इसके रचयिता उग्रादित्य हैं। " (प्रा.) | शुभचन्द्र दैवज्ञ-वल्लभ " १२०० , १७०० । कार्तिकेयानुप्रेक्षा गणितसार | गीतवीतराग गोम्मटसार चारित्रसार मा०) अभयसूरि-सिद्धान्तचक्रवर्ती के शिष्य । ( स.) - केशव वर्णी प्रभेन्दु मुनि | १५ वीं शताब्दी, प्रभाचन्द्र लगभग १३०० " १५ वीं शताब्दी , चौबीसठाण १६ | ज्वालामालिनी कल्प (सं०) [ भाग २
SR No.529551
Book TitleJain Siddhant Bhaskar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Siddhant Bhavan
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year
Total Pages417
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Siddhant Bhaskar, & India
File Size10 MB
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