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किरण २]
प्रतिमा-लेख-संग्रह
(४) निम्नांकित प्रतिमायें श्री दि० जैन-मन्दिर (भगतजी का) मैनपुरी (गंज) में
विराजमान हैं और इनके लिंग-चिह्न प्रकट नहीं हैं।
१ आदिनाथ चतुर्मुख मंदिर-सहित-श्वेत पाषाण-मंदिर-सहित ऊंचाई २८ ०-मूर्ति की
ऊँचाई ८ अं0--"सं० १९४५ माघ कृष्ण २ श्री मूलसंघ बलास्कारगण सरस्वती
गच्छे कुंदकुंदाचार्यान्वये अगरवारगोत्र झम्मनलालेन प्रतिष्ठापितं कल्यानं ददातु ।" २ सुपार्श्वनाथ -श्वेत पाषाण-१० अं:-"सं० १६४५ इत्यादि उपर्युक्त की भाँति । ३ सुपार्श्वनाथ-मुंगावर्ण पा०-८ अं०-लेख उपर्युक्त की भांति । ४ अनंतनाथ-श्वेत पाषाण - अं - "श्रीमूलसंघे बलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे कुंदकुंदाचार्यान्नाये
. अगरवार झम्मनलालेन प्रतिष्ठितं सं० १९४५।" ५ विमलनाथ-श्वेत पाषाण-७ अं०-"सं० १९४५ माघ कृ. २ प्रतिष्ठितं मूल संघ
___ झम्मनलालेन प्रतिष्टितं ।" ६ अर्हत् चतुर्मुख मं देर-सहित-श्वेत-५ अं0-१॥ अं०-लेखरहिन । ७ महावीर-कृ० पा०-२२ अं-"श्री सं० १९५५ शुकु १२ वुधे सिद्ध आम्नाय प्रतिष्टितं
जानकीदास मैनपुरी।" ८ शांतिनाथ-श्वेत पा०-८ अं०-"सं० १९४५ माघ कृष्ण २......झम्मनलाल प्रतिष्ठतं । १ नमि-श्वेत-८ अं०-"सं० १९४१ माघ कृष्ण २ श्रीमूलसंघे ब. ग. स. ग० कुं०
झम्मनलालेन ।" १० चंद्रप्रभ-श्वेत-७ अं०-उपर्युक्त के समान लेख । ११ अर्हत्-मूंगावर्ण-८ अं० १२ अर्हत्-हरित पा०-८ अं० १३ श्रेयांसनाथ-श्वेत-७ अं० १४ महावीर-हरित कृ०-७ अंक १५ नेमिनाथ-श्वे०-७ अं० १६ चंद्रप्रभ-श्वे०-१८- "शुभ संवत् १९२० फाल्गुण वदि ३ गुरुवासरे श्रीमूलसंघ बलात्कार
गण सरस्वतीगच्छे कुंदकुंदाचार्याम्नाये श्रीमद्भट्टारक : जिनेन्द्रभूषणजिदेवस्तस्पट्टा
न्वये श्रीमहारक महेंद्रभूषण" इत्यादि । १५ चंद्रप्रभ-श्वेत-१८ अं०-लेख पढ़ने में नहीं आता।