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________________ अनेकान्त तस्याः सुपुत्राः दीप्तिभासः ॥२४॥ तत्पट्टनाथः प्रभुकक्कसरिः श्रीपार्श्वनाथस्य गणे प्रतीते सिद्धान्तरत्नाकररत्नभूरिः पुरा प्रवीणः सुभदत्तनामा सद्देशनादेशविशेषदानाद् . यदाख्यया केशिगणः प्रसिद्धः हि जेजयीते वसुधातलेऽस्मिन् ॥२६॥ केशी ततोऽपि प्रगुणो बभूव ॥२२॥ तस्योपदेशाद् सुविधाप्य हैमं जीवादितत्वप्रगुणैर्गुणात्मा सैद्धान्तकिं ? पुस्तकमेतदेवं सदाशुभः स्वप्रभुसृरिराजा श्रीवाचनाचार्यवराय वित्तरत्नाकरां ख्यातिमवाप गच्छ... सराय सादाद् निजहर्षयोगात् ॥३०॥ स्ततश्च रत्नप्रभसूरिरेषः।।२६॥ युग्मम् उकेशतो यत्प्रतिबोधदानाद् यावत् स्थिरो मेरुमहीधरोऽयं तथा ध्र वाक्षिः खलु चन्द्रसूरी उकेशगच्छः प्रथतां जगाम तावद् दृढं नन्दतु वाच्यमानं यक्षस्य बोधे प्रतिबोधशक्त्या हर्षेण हृद्य प्रतिवर्षमेतत् ॥३॥ श्री यक्षदेवः सुगुरुस्ततोऽनु॥२७॥ श्रीकक्कुदाचार्यगणप्रतीतो इति सौवर्णकल्पपुस्तकप्रशस्तिसमाप्तमिति छ। श्रीदेवगुप्तो भवनीरनौका। सं० १९१६ वर्षे चैत्रसुदि ८ अष्टम्यां रवी सद्भाग्यसौभाग्यतरैककोशः श्रीपत्तनवास्तव्यं मं० दाछाकेन लिखितं ॥२॥ श्रीसिद्धसूमिस्तदवासपट्टः ॥२८॥ भद्र भूयात् । श्रीसंघस्य ॥छ॥ प्रहार क्षेत्रके प्राचीन मूर्तिलेख [संग्राहक-५० गोविन्ददास जैन, न्यायतीर्थ शास्त्री] (वर्ष : किरण १० से आगे) -2) :(नं०३०) १२०६ के वैशाख सुदी १३ को प्रतिष्ठा कराई। ये मूर्तिका शिर और दोनों हाथ नहीं हैं । आसन- सब उसे सदा प्रणाम करते हैं। से पता चलता है कि मूति कुछ बड़ी थी। चिन्ह (नं० ३१) शेरका है। करीब २ फुट ऊँची होगी। पद्मासन है। मूर्तिका सिर्फ आसन उपलब्ध है। बाकी पाषाण काला है। आङ्गोपाङ्ग नहीं हैं। चिह्न शेरका है। करीब लेख-सम्वत् १२०६ वैशाख सुदी १३ माधुवान्वये ११ फीट पद्मासन है। पाषाण काला है। पालिश साहुयशवंत तस्य सुत साहुयसहद तस्य भार्या माहिणि चमकदार है। तयोः पुत्र श्यामदेव एते प्रणमन्ति नित्यम् । लेख–सम्बत् १२१० वैशाख सुदी १३ पण्डितश्रीभावार्थः-माघुव वंशोत्पन्न शाह यशवन्त उनके विशालकीर्ति पार्यिकात्रिभुवनश्री तयोः शिष्यणी पूर्णश्री पुत्र साहु यशहद उनकी धर्मपत्नी माहिणि उन तथा धनश्री एताः प्रणमन्ति नित्यम् । दोनोंके पुत्र श्यामदेवने इस प्रतिबिम्बकी सम्वत् भावार्थः-सम्वत् १२१० के वैशाख सुदी १३ को Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.527268
Book TitleAnekant 1949 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherJugalkishor Mukhtar
Publication Year1949
Total Pages44
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size12 MB
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