________________
समाज-सेवकों के पत्र -
जैनधर्म भूषण व्र० शीतलप्रसादजीके पत्र
[ गतासे आगे ]
(२२)
लखनऊ २३-१-२७ डा० हर्मन जैकवीको महापुराण प्राकृत पुष्पदन्त कृत चाहिये सो यह लिखित देहली व जैपुरके भण्डारों . में है । आप एक प्रति स्वाध्यायके लिये तुर्त भिजवा देवें जो शुद्ध होवे, अपभ्रंश भाषाके अभ्यासी हैं । भूलें नहीं। उनसे पहले पत्र व्यवहार करें।
(२३)
वर्धा १६-१ पत्र पाया देहली में प्रो० ग्लैसीनैपका व्याख्यानं व स्वागत कैसा हुआ। भाई चम्पतरायजीके साथ वे कुछ दिन घूमें तो ठीक हो। आपकी जयन्तीमें हमारा आना शायद ठीक न होगा। लोग घृणा करेंगे, वस fear भले प्रकार विचार किये मुझे न बुलाना । परिषदका जलसा कहीं करावें ।
(२४)
लखनऊ २६-११
पत्र ता० २३-११ पाया । १ - पुस्तक कामताप्रसादको भेजी है
२- जीवकांड छप चुका, कर्मकांड चालू है। ३ - अभी १ मास से अधिक ठहरना होगा ४ - अजितप्रसादजीको आप स्वयं लिखें, मेरे कहने से आएँगे
५- आप पुस्तकका प्रचार कर रहे हैं धन्यवाद है खूब जैनोंको बाँटनेका उद्यम करें। ६- तत्वार्थसूत्रका अनुवाद जुगमन्दरदास कृत आपने देखा होगा उसीको चम्पतरायजी करवाया
Jain Education International
७- यहाँ से मेरे पास Leensus of India 1921 नहीं है आप नकल भिजवा दें तो हम मित्रमें छाप दें ।
मदरास स्मारक तैयार है ५००) लगेंगे कोई दानी
हो तो लिखें। सबसे धर्मस्नेह कहें पं० फतहचन्द, महबूबसिंह, उमरावसिंह श्रादिसे
(२५)
४-१-२७
१ - ट्रैकोंकी प्राप्ति छपने भेज दी है। २- लेख मैं जनवरीके अन्त तक भेजनेकी चेष्टा करूँगा
३- केवल चम्पतरायजीको कोई अच्छा पद देना चाहिये यह नाम पसन्द नहीं है
४ - आपने अंग्रेजी पत्र बहुत अच्छा छपवाया है। ५- आप हिन्दी साहित्यज्ञाताके नाम महेन्द्रकुमार सम्पादक 'वीर सन्देश' मोती कंदरा आगरा जैन मन्दिरसे जाने
६ - पंडित गिरिधर शर्मा झालरापाटन हिन्दीके अच्छे विद्वान हैं। डा० गङ्गानाथका अलाहा बादको भी सन्देशके लिए लिखें। जो नाम आपने दिये हैं उनको बुला सकते हैं । जुगमन्दरलाल वारिस्टरका पग अब अच्छा है उनको बुलाया सभापति बनाने की चेष्टा करें |
आप उत्साहसे काम करते रहें। सच्चे भावसे करें, नाम न चाहें, प्रचार चाहें, यश स्वयं होगा ।
लखनऊ परिषद् में आप मित्र मण्डली सहित जरूर पधारें व उत्साह बढ़ावें, बाबू उमरावसिंह, जौहरीमल आदिको लावें । मेरा धर्मस्नेह सबसे कहें । (२६) लखनऊ १६-१-२७ १- आप सत्यभावसे उद्योग करें सफलता होगी । पद चम्पतरायजीको 'जैन सिद्धान्तरत्न' देना ठीक होगा । अपनी कमेटी में पास करा लेवें ड्राफ्ट फिर भेज देंगे ।
२- सभापति मोतीसागरको १ दिन करें व १ दिन
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org