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________________ ॐ अहम् - பாடி तत्त्व-सचातक विश्व तत्त्वप्रकाशक वार्षिक मूल्य ५) TNPinmillimப்பா illgeria एक किरणका मूल्य ॥) . वा . नीतिविरोधध्वंसीलोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । | परमागमस्य बीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्तः । वर्ष ६ । किरण ६ वीरसेवामन्दिर (समन्तभद्राश्रम), सरसावा, जिला सहारनपुर भाद्रपदशुक्ल, वीरनिर्वाण-संवत २४७४, विक्रम संवत् २००५ सितम्बर १९४८ ရွှေ कामना परमागमका बीज जो, जैनागमका प्राण । .. 'अनेकान्त' सत्सूयें सो, करो जगत्-कल्याण ॥१॥ 'अनेकान्त'-रवि-किरणसे, तम-अज्ञान-विनाश । । मिट मिथ्यात्व-कुरीति सब, हो सद्धर्म-प्रकाश ॥२॥ कुनय-कदाग्रह ना रहे, रहे न मिथ्याचार । तेज देख भागें सभी, दम्भी - शठ - बटमार ॥३॥ सूख जायं दुर्गुण सकल, पोषण मिले अपार । सद्भावोंको लोकमें, हो विकसित संसार ॥४॥ शोधन-मथन बिरोधका, हुआ करे अविराम । प्रेम-पगे रल-मिल सभी, करें कमें निष्काम ॥५॥ यगवीर &000999999999999999999999999999999 99999999999 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.527259
Book TitleAnekant 1948 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherJugalkishor Mukhtar
Publication Year1948
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size14 MB
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