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वार्षिक मूल्य ५)
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वर्ष ९ किरण ७
555
विश्व तत्त्व-प्रकाशक
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ॐ अहम
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| नीतिविरोधध्वंसी लोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । | परमागमस्य बीजं भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्तः
सेवामन्दिर (समन्तभद्राश्रम), सरसावा, जिला सहारनपुर आषाढ़ शुक्ल, वीरनिर्वाण - संवत् २४७४, विक्रम संवत् २००५
वस्तु तत्त्व-संघद्योतक
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निष्ठुर कवि और विधाताकी मूल
( १ )
राग- उदै जग अंध भयो, सहजै सब लोगन लाज गमाई । सीख बिना नर सीखत हैं, विषयादिक सेवनकी सुघराई ।।
तापर और र सूनकी
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( २ )
हे विधि ! भूल भई तुमतें, समुझे न कहां कस्तूरि बनाई ! दीन कुरङ्गके तनमें, तृन दंत धरै करुना नहिं आई !! क्यों न रची तिन जीभनि जे रस-काव्य करें परको साधु - अनुग्रह दुर्जन- दंड, दुहूं सघते विसरी
रस- काव्य, कहा कहिये तिनकी निठुराई ! अंखियानमें, डारत हैं रज राम - दुहाई !!
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एक किरणका मूल्य 11)
जौलाई १९४८
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दुखदाई ! चतुराई !!
— कवि भूधरदास
ककककककक
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