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विषय - सूची
विषय
१ बुढ़ापा (कविता) - [ कवि भूधरदास
२ षडावश्यक - विचार - [प्र० सम्पादक
३ समन्तभद्र भारतीके कुछ नमूने, युक्त्तयनुशासन - [ सम्पादकय ४ अहिंसा-तत्त्व - [ क्षुल्लक गणेशप्रसादजी वर्णी न्यायाचार्य ५. पूज्य वर्णी गणेशप्रसादजीके हृदयोद्गार - [पं० दरबारीलाल कोठिया ६ रावण- पार्श्वनाथकी अवस्थिति - [ अगरचन्द नाहटा ७ वीरशासन- जयन्तीका पावन पर्व - [पं० दरबारीलालजी कोठिया शृंगेरिकी पार्श्वनाथ- वस्तीका शिलालेख - [ बा० कामताप्रसाद जैन ९ जैनपुरातन अवशेष (विहङ्गावलोकन ) - ( मुनि कान्तिसागर १० सम्पादकीय – [ अयोध्याप्रसाद गोयलीय
११ युगके चरण अलख चिर-चखल ( कविता ) - [ ' तन्मय' बुखारिया
वीर-शासन - जयन्तीका वार्षिकोत्सव समारोह
मुरार [ग्वालियर ] में
सम्पूर्ण जैन समाजको यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होगी कि श्रावण कृष्णा प्रतिपदाकी इतिहास प्रसिद्ध पुण्य तिथि से सम्बद्ध भारतीय पावनपर्व 'वीर-शासनजयन्ती' का – भगवान महावीरके सर्वोदय - तीर्थप्रवर्तन-दिवसका – वीरसेवामन्दिर द्वारा आयोजित वार्षिकोत्सव इस वर्ष मुरार ( ग्वालियर) में पूज्य क्षुल्लक श्रीगणेशप्रसादजी वर्णी ( न्यायाचार्य ) की • अध्यक्षता में श्रावण कृष्णा प्रतिपदा व द्वितीया तारीख २२-२३ जुलाई सन् १९४८ को बृहस्पतिवार तथा शुक्रवार के दिन विशेष समारोहके साथ मनाया जायगा । उत्सव की तैयारियाँ बड़े उत्साह के साथ प्रारम्भ होगई हैं।
इस बार वर्गीजीकी इच्छानुसार विश्वकी शान्ति और समुन्नतिको लक्ष्य में रखकर वीर - शासन के प्रचार और प्रसारादि सम्बन्धी अच्छा ठोस एवं स्थायी कार्य किया जानेको है ।
समाजके लब्ध प्रतिष्ठ विद्वानों, श्रीमानों तथा
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सरसावा ५-७-४८
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शासन सेवा के कार्यों में रस लेने वाले सभी सज्जनोंके पधारने की पूर्ण आशा है । वर्गीजी जैसे सन्त पुरुषके नेतृत्व में मनाया जाने वाला यह उत्सव अपनी खास विशेषता रखता है । छातः सर्वसज्जनोंसे सानुरोध निवेदन है कि आप इस शुभ अवसर पर अवश्य ही मित्रों सहित पधारनेकी कृपा करें और अपने इस सर्वातिशायी पावन पर्वको यथेष्ट रूपमें मनाने के लिये अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए इस संस्थाको आभारी बनायें । उत्सव में अपने पधारने के समयादिकी सूचना - 'संयोजक स्वागतकारिणी कमेटी, ठि० सेठ गुलाबचन्द गणेशीलालजी जैनका बगीचा पोस्ट मुरार ( ग्वालियर)' के पतेपर देनी चाहिए, जिससे समयपर ठहरने आदिकी सब योग्य व्यवस्था हो सके ।
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निवेदकजुगलकिशोर मुख्तार अधिष्ठाता, वीरसेवामन्दिर
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