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________________ वीरसेवामन्दिरको सहायता गत किरणमें प्रकाशित सहायता के बाद वीरसेवामन्दिरको निम्न सहायता प्राप्त हुई है, जिसके लिये दातार महानुभाव धन्यवादके पात्र हैं: ३१) लाला उदयराम जिनेश्वरप्रसाद जी जैन बजाज सहारनपुर ( दर्शन प्रतिमा ग्रहण करनेके श्रव सरपर निकाले हुए दानमेंसे लायब्रेरी सहायतार्थ ) मार्फत पं० परमानन्दजी जैन शास्त्री । ५) बाबू माईदयालजी जैन बी० ए० देहली और लाला श्रीचन्दजी जैन देहरादून (पुत्र-पुत्रीके विवाह की खुशी में ) । अधिष्ठाता वीरसेवामन्दिर ३६) सूचना अनेकान्त कार्यालयको कुछ सहायता प्राप्त हुई है जिसके आधारपर हम ३३ विद्यार्थियों, लायब्रेरी अथवा वाचनालयों को रियायती मूल्य ३) तीन रुपया में अनेकान्त एक वर्ष तक दे सकते हैं । जिन्हें आवश्यकता हो वे ३) रुपया शीघ्र मनिआर्डर से भेज देवें, रुपया आनेपर अनेकान्त चालू कर दिया जावेगा । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' सूचना अनेकान्तके पिछले वर्षोंकी कुछ फाइलें, वर्ष ४-५-६-७-८की अवशिष्ट बची हैं । जो महानुभाव खरीदना चाहेंगे, उन्हें वीर जयन्ती से वीरशासन जयन्ती तक निर्दिष्ट मूलमें ही दी जावेंगी । अतः ऑर्डर भेजने की शीघ्रता करें, अन्यथा ये फाइलें भी पहले दूसरे और तीसरे वर्षकी तरह अप्राप्य हो जायेंगी । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' Jain Education International अनेकान्तको सहायता : गत दूसरी किरणमें प्रकाशित सहायता के बाद अनेकान्तको निम्न सहायता और प्राप्त हुई हैं, जिसके लिये दातार महानुभाव धन्यवादके पात्र हैं: २०) लाला सुमेरीलाल गुलाबरायजी, बाराबङ्की (इन्द्रकुमार जैनकी दादीकी मृत्यु- समय निकाले गये १०१ ) के दानमेंसे) । ५) ५) ३०) बाबू दीपचन्दजी, कानपुर (चि० पुत्र के विवाहोपलक्ष में निकाले गये दानमेंसे) । बाबू चिरञ्जीलालजी जैन, वर्धा (चि० पुत्रके विवाहोपलक्ष में निकाले हुए दानमेंसे) । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' सूचना अनेकान्त कार्यालयके लिये एक सुयोग्य विद्वान की आवश्यकता है जो पत्र व्यवहार आदि कार्योंके साथ प्रूफ रीडिंग करनेमें भी दक्ष हो । वेतन योग्यतानुसार दिया जावेगा । जो विद्वान आना चाहें वे निम्न पतेपर पत्र व्यवहार करें । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' वीरसेवामन्दिर, सरसावा (सहारनपुर) भूल सुधार 'पराक्रमी जैन' शीर्षक लेखके अन्त में लेखकका नाम और तारीख छपनेसे रह गई है। कृपया प्रेमी पाठक वहाँ अयोध्याप्रसाद 'गोयलीय' और तारीख १४ फरवरी सन् १९४० बना लेवें । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.527254
Book TitleAnekant 1948 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherJugalkishor Mukhtar
Publication Year1948
Total Pages46
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size11 MB
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