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कान्त
प्रधान सम्पादक-पं० जुगलकिशोर मुख्तार
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सम्पादक-मण्डल पण्डित दरबारीलाल न्यायाचार्य कोठिया
पण्डित अयोध्याप्रसाद 'गोयलीय' इम मण्डलमें एक दो विद्वानों के नाम अभी और शामिल होंनेको हैं। स्वीकृति मिलनेपर उनको प्रकट किया जायगा।
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विषय-सी ११-समन्तभद्र भारतीके कुछ नमूने (युक्त्यनुशासन)-[सम्पादक)
२-रत्नकरण्डके कर्तृत्वविषयमें मेरा विचार और निर्णय- सम्पादक] ३-आप्तमीमांसा और रत्नकरण्डका भिन्नकर्तृत्व-[डा० हीरालाल जैन एम० ए०] ४-जैन कालोनी और मेरा विचार पत्र-[जुगलकिशोर मुख्तार] ५-न्यायकी उपयोगिता-[पं० दरबारीलाल कोठिया] ६-स्व० मोहनलाल दलीचन्द देसाई-[भंवरलाल नाहटा]
७-अ चायकल्प पं० टोडरमल्ल जी-(पं० परमानन्द जैन शास्त्री] 2-समन्तभद्रभाष्य-पं० दरबारीलाल कोठिया]
E-समयसारकं' महानता-[पूज्य कानजी स्वामी] ०-शंका समाधान-[पं० दरबारीलाल कोठिया] ११-विविध १२-साहित्य परिचय और समालोचन -
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जनवरी
आ.श्री. कलासंसागर मार ज्ञान, मदिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबाया सा.क्र.
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Jain Eudal