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________________ - १८४ अनेकान्त [वर्ष ४ ******** ** ********************** अशोकारिष्ठ सुपारीपाक माता और बहनों के लिये अत्यन्त हितकर वस्तु स्त्रियों के श्वेत-रक्त प्रदर एवं प्रसूत की अनुपम नये और पुराने सभी प्रकार के श्वेत और रक्त महौषध है। बंध्या स्त्रियों का वंध्यत्व भी इस महौषध प्रदर को समूल दूर करने में गजब का फायदा के सेवन से नष्ट होकर सुन्दर सन्तान की माता पहुंचाता है। मासिकधर्म की पीड़ा अनियमितता आदि बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मासिकधर्मकी सभी गोरोको निश्चय ही आराम करेगा। मूल्य १ पावका १) * शिकायतें दूर होजाती हैं। मू० प्रति बोतल २) अष्टवर्गयुक्त और मधु रहित पच्यनप्राश-महारसायनर __ (सुमधुर और सुगन्धित ) आयुर्धेद की इस अनुपम औषध का निर्माण प्रायः सभी वैद्य एवं कोई-कोई डाक्टर तक कर रहे हैं। किन्तु हर एक स्थल पर इसके सुन्दर साधनों की सुविधा एवं स्वच्छताका सर्वथा अभाव है। हमने इस महारसायन * का निर्माण ताजा और परिपक्व बनस्पतियों के पूर्ण योगसे अत्यन्त शुद्धता पूर्वक किया है, जो किसी भी सम्प्रदाय * विशेष के धर्म-भाव पर श्राघात नहीं पहुंचाता । औषध निहायत जायकेदार है, क्षयरोग की खांसी एवं हृदय के सभी रोगों पर रामबाण है। दिल और दिमाग़ एवं शक्ति संचयके लिये संसारकी निहायत बेहतरीन दवा है। मूल्य--१ पाव के डब्बे का १) रु. डाक खर्च पृथक नोट--जिन सजनों को मधु सेवन से आपत्तिन हो वह स्पष्ट लिख कर मधु युक्र मंगाले परिवार-सहायक-बक्स गृहस्थ में अचानक उत्पन्न हो जाने वाले दिन* रात के साधारण सभी रोगों के लिये इस बक्स में * ११ दवाइयां हैं सम्पन्न और सहृदय महानुभावों को परोपकारार्थ अवश्य परिवार में रखना चाहिये । मूल्य प्रति बक्स २॥) FAC अंगूरासव ताजा अंगूरों के रस से इस अमूल्य और स्वादिष्ट योग का निर्माण वैज्ञानिक विधि से हुआ है। मस्तिष्क और शरीर की निर्बलता पर रामबाण है। दिमागी काम करने वाले वकील, विद्यार्थी और मास्टर आदिको नित्य सेवन करना चाहिये। मू०२) बोतल कौशलप्रसाद जैन, मैनेजिङ्ग डायरेक्टरभारत आयुर्वेदिक केमिकल्स लिमिटेड, सहारनपुर। ********** ******** ************ ***
SR No.527171
Book TitleAnekant 1941 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1941
Total Pages66
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size11 MB
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