________________ Registered. No. L. 4328 क्रान्तिकारी ऐतिहासिक पुस्तकें [ले. अयोध्याप्रसाद गोयलीय ] 1. राजपूतानेके जैनवीर अतीत गौरवके एक अंशका चित्र अंकित हुए पढ़ने के लिये हाथ भरके कलेजे की जरूरत बिना न रहेगा। ऐसा कौन अभागा भारतवासी है। मदोंकी बात जाने दीजिये भीरु और कायर होगा जो अयोध्याप्रसादजी गोयलीयकी लिखी भी इसे पढ़ते पढ़ते मैंछों पर ताव न देने लगें तो भारतकी करीब साढ़े बाईससौ वर्ष पुरानी इस हमारा जिम्मा / राजपूतानेमें जैनवीरोंकी तलवार सारगर्भित और सच्ची गौरव-गाथाको सुनकर कैसी चमकी ? धनवीरोंने सरसे कफन बान्धकर उत्साहित न होगा।" पृष्ठ 173 मू० छह पाना / आतताइयोंके घुटने क्योंकर टिकवाये ? धर्म और 3. हमारा उत्थान और पतन- . देशके लिये कैसे कैसे अभूतपूर्व बलिदान किये, “चान्द" के शब्दोंमें--"इस पुस्तकमें महाभारत यही सब रोमांचकारी ऐतिहासिक विवरण 352. से लेकर सन् 1200 ईस्वी तकके भारतीय इतिहास पष्टोंमें पढिये। सचित्र, मूल्य केवल दो काया। . पर एक दृष्टि डाली गई है। भारतवासियोंके चारि त्रमें जो त्रुटियाँ उत्पन्न हो गई थीं और जिनके 2. मौर्य साम्राज्यके जैनवीर--- कारण उनको विदेशियोंके सन्मुख पदानत होना / भूमिका-लेखक साहित्याचार्य प्रो० विश्वेश्वर- पड़ा उन पर मार्मिकताके साथ विचार किया गया नाथ रेउके शब्दोंमें-"इस पुस्तककी भाषा मनको है। पुस्तक पठनीय है और अत्यन्त सुलभ मूल्यमें फड़काने वाली, युक्तियाँ सप्रमाण और ग्राम तथा बेची जाती है।" "विश्वामित्र' लिखता हैविचारशैली साम्प्रदायिकतासे रहित समयोपयोगी "पुस्तककी भाषा सजीव और दृष्टिकोण सुन्दर और उच्च है / हमें पूर्ण विश्वास है कि इसे एक है। यह काफी उपयोगी पुस्तक है / " "भारत बार आद्योपान्त पढ़ लेनेसे केवल जैनोंके ही नहीं कहता है--"लेखककी लेखनीमें भोज और प्रवाह प्रत्युत भारतवासी मात्रकेहृत पटपर अपने देशके पर्याप्त मात्रामें है।" पृष्ठ 144 मू० छह आना। स्फूर्तिदायक जीवनज्योति जगाने वाली पुस्तकें 4. अहिंसा और कायरता मूल्य० एक आना 7. क्या जैन समाज जिन्दा है ? मू० एक आना , 5. हमारी कायरताके कारण " " 8. गौरव-गाथा " " 6. विश्वप्रेम सेवाधर्म " " 6. जैन-समाजका ह्रास क्यों ? " छह पैसा यदि यह पुस्तकें आपने नहीं देखी हैं तो आज ही मंगाइये, मन्दिरों, पुस्तकालयों, साधुओंको * भेटस्वरूप दीजिये, उपहारमें बाटिये जैनेतरोंमें बाँटिये / व्यवस्थापक-हिन्दी विद्यामन्दिर, पो०बो० नं०४८, न्यू देहली। वीर प्रेस आफ इण्डिया, कनॉर सर्कस, न्यू देहनी /