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________________ भरत क्षेत्र की सभ्यता के निम्न सोपान नजर आते हैं। पहले की । ऋषभ पूर्व चौबीसी से प्ररित वस्तु बहुल सभ्यता जिनके और सीमित अब कोई जन संख्या विवरण उपलब्ध वाली सभ्यता नहीं केवल जैन |जिसे कल्पवृक्ष संदर्भ इसे । | की बहुलता से दोहराते हैं । P जोड़ा गया। (सृष्टि यदि थी | वास्तव में यह तो इसे हम किस| विभिन्न वृक्षों आधार पर मना की सम्पदा से कर सकते है) भरा काल था (कुल कर काल) ऋषभ प्रवर्तित प्राकृतिक | कर्मपरक सभ्यता| परिवर्तनों से जिसकी पूर्णता उत्पन्न वस्तुओं मोक्ष में होती है। | की कमी का काल (करीब 20 और जनसंख्या के लाख वर्ष पूर्व) | विस्तार का काल जिसे संतुलित करने के लिए गंगावतरण हुआ और कृषि जनित सभ्यता का विस्तार हुआ (करीब 8 से 10 लाख वर्ष पूर्व) नगरीय समाज का गठन-पशु पालन व कृषि कार्यों का विस्तार अतः चिंतन की परम्परा का प्रारंभ हुआ। जो दिखता है उसके ही प्रभुत्व को स्वीकार करने का काल धातु ज्ञान का विचार विकास भिन्नता से जिससे समूहों का वैज्ञानिक कर्म विभाजन। का फैलाव आर्थिक हुआ। समाज सम्पन्नता में का व्यक्ति वृद्धि। देश शक्ति और विदेशों में समूह शक्ति फैला व व में विभाजना अपने ज्ञान विचार भिन्नता का विस्तार का काल। हुआ। आध्यात्म सम्भवतः और प्रकृति भाषा की जनित अभिव्यक्ति कल्पना से | को सक्षम जन्में प्रतीकों| आधार मिला। से संघर्ष का काल (श्रमण व वैदिक सभ्यता के संघर्ष का काल) थे। जटिल समाज वर्ग विभेद, का विस्तार। | शक्ति संघर्ष, सामरिक शक्ति | नई-नई विस्तार के ।। राज्य साथ अपनी || सत्ताओं और बौद्धिक क्षमता | धर्म सत्ताओं | को व्यक्त करने | का उदय। के लिए नए संघर्ष ऐसा क्षेत्रों में कि उसने प्रत्यावर्तन। भरत क्षेत्र के पूर्व प्रचलित आधार को देवताओं के ही कमजोर स्थान पर नये कर दिया। प्रकृति जन्य देवताओं की कल्पना। आर्थिक समृद्धि का काल। वैदिक संस्कृति का उदय भारत सोने की चिड़िया बन गया। विदेशियों का सत्ता, धर्म व आगमन जो वर्ग संघर्ष भारत की जिसने आर्थिक राष्ट्रीय समृद्धि को पराधीनता | लूटना चाहते || का श्री गणेश किया। भारतवासी अपनी ही लगाई अग्नि में जलते रहे और देश लूट गया। अर्हत् वचन, 24 (1), 2012
SR No.526592
Book TitleArhat Vachan 2012 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2012
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size3 MB
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