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________________ लं 40 - सन्दर्भ ग्रंथ उत्तरपुराण - 71.29.46 मारूतिनन्दन प्रसाद तिवारी - जैन प्रतिमा विज्ञान, पृ. 117 कुमुदगिरि - जैन महापुराण (कलापरक अध्ययन), पृ. 95-96 मारूतिनन्दन प्रसाद तिवारी, पू.नि., पृ. 118 यू.पी.शाह - Jaina Iconography खण्ड 1, पृ. 166 मारूतिनन्दन प्रसाद तिवारी - पू.नि., पृ. 120 वहीं, पृ. 119 8. अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टडीज, गड़गांव, चित्र संग्रह 157,17 एम.एन.पी. तिवारी - An unpublished image of Neminath from Devgarh जैन जर्नल, खंड 8, अं. 2, पृ. 84-85 10. यू.पी. शाह - पू.नि. पृ. 168 11. जयंतविजय मुनिश्री, Holy Abu, पृ. 67-69 12. वहीं, पृ. 118 13. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, पू.नि. पृ. 121-122 14. रामाश्रय अवस्थी - खजुराहों की देव प्रतिमाएं, पृ. 188 15. बी.सी. भट्टाचार्य - The Jaina Iconography, चित्र संख्या 37 16. कुमुदगिरी - पू. नि., पृ. 46 17. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी - पू.नि., पृ. 32 प्राप्त : 03.07.10 जैन राष्ट्रगीत रचयिता- उपाध्याय मुनिश्री 1008 निजानन्दसागरजी महाराज जिन गण सब मुनि नायक जय है, शासन जैन विधाता। आदिनाथ महावीर तीर्थंकर, गौतम श्री हैं गणधर। श्री कुन्द कुन्द उमास्वामी। जिनसेन शांतिसागर। हम शुभ नाम गाते। हम सुख आशीष पाते। गाते हम तब गाथा। जग जन जीवन सदा सुखी हो, शासन जैन विधाता। जय हे जय हे जय हे - जय जय जय, जय हे - शासन जैन विधाता। 28.8.1994 को सृजित अर्हत् वचन,24(1), 2012
SR No.526592
Book TitleArhat Vachan 2012 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2012
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size3 MB
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