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नियुक्ति
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भाष्य
कालक्रमसे
टीकाकार शताब्दी 6ठवी ई., शदी भद्रवाहु द्वितीय
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चूर्णि | संस्कृत टीका
लोकभाषा में रचित व्याख्या
अर्हत् वचन, 23 (4), 2011
(505)
आवश्यक, दशवैकालिक, उत्तराध्ययन, आचारांग, सूत्रकृताग, दशाश्रुतस्कन्ध, बृहत्कल्प, व्यवहार (प्रा.) (सूर्यप्रज्ञाप्ति और ऋषिभाषित नियुक्ति अनुपलब्ध) ओघनियुक्ति, पिण्डनियुक्ति पंचकल्पनियुक्ति और निशीथनियुक्ति क्रमश: आवश्यक, दशवैकालिक, बृहत्कल्प और आचारांग नियुक्ति की पूरक है।
संघदासगणी
7वीं ई.शदी जिभद्रगणी
क्षमाश्रमण
बृहत्कल्पलघुभाष्य, पंचकल्पमहाभाष्य, निशीथ (प्रा.) जीतकल्पभाष्य, विशेषावश्यकभाष्य (609 में पूर्ण किया) दावैकालिक (प्रा.)
विशेषावशक भाष्य पर स्वोपज्ञवृत्ति (पूर्ण)
अगस्त्यसिंह/ कलशभवमृगेन्द्र