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हमारे लेखक श्री नरेशकुमार पाठक - मध्यप्रदेश शासन की सेवा में कार्यरत, अनेक वर्षों तक केन्द्रीय संग्रहालय - इन्दौर में संगहाध्यक्ष के पद पर सेवाएँ, 'मध्यप्रदेश का जैन शिल्प' एवं 'विदेशी संग्रहालयों में भारत की जैन मूर्तियाँ' शीर्षक पुस्तकों के लेखक। सम्प्रति जिला संग्रहालय - पन्ना में संग्रहाध्यक्ष के पद पर पदस्थ। अर्हत् वचन के नियमित लेखक। श्री रामजीत जैन एडवोकेट - जैन इतिहास एवं पुरातत्व के वरिष्ठ अध्येता, जैसवाल, खरौआ, बरैया, बुढेलवाल आदि जैन जातियों के इतिहास ग्रन्थों तथा गोपाचल (ग्वालियर) पर शोधपूर्ण कृति के लेखक, श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार से सम्मानित, अर्हत् वचन के नियमित लेखक।। श्री शांतिराज शास्त्री - कन्नड़ भाषी प्रसिद्ध जैन विद्वान, कन्नड़ भाषा में जैन दर्शन पर अनेक शोधपूर्ण आलेखों के लेखक, स्वर्गस्थ विद्वान। प्रो. पद्मावतम्मा - मैसूर विश्वविद्यालय - मैसूर के गणित विभाग में प्राध्यापक पद पर कार्यरत, जैन गणित में विशेष रूचि, महावीराचार्य कृत 'गणित सार संग्रह' का कन्नड़ अनुवाद कर भारतीय गणित की महती सेवा। समणी सत्यप्रज्ञा - श्वेताम्बर तेरापंथ जैन धर्म संघ के नायक आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की आज्ञानुवर्ती सुशिष्या, जैन विश्व भारती संस्थान (मानित विश्वविद्यालय), लाडनूं से सम्बद्ध। श्री सूरजमल बोबरा - जैन इतिहास के अध्येता, ज्ञानोदय फाउन्डेशन - इन्दौर के माध्यम से जैन इतिहास के अध्ययन एवं अनुसंधान कार्य को विकसित करने हेतु प्रयासरत। ज्ञानोदय पुरस्कार के प्रायोजक, ज्ञानोदय फाउन्डेशन के निदेशक। आचार्य राजकुमार जैन - भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के पूर्व निबन्धक एवं सचिव, जैन आयुर्वेद के वरिष्ठ अध्येता, जैनायुर्वेद विषयक अर्हत् वचन में प्रकाशित अनेक आलेखों के लेखक। डॉ. रमेश जैन - रमेश नूतन नाम से राष्ट्रीय स्तर पर मूर्तिकार के रूप में प्रसिद्ध, वर्तमान में भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में वास्तुकला एवं नियोजन विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत। ललित कला के क्षेत्र में देश विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बाद पिछले दो दशकों से हड़प्पा संस्कृति के अभिलेखों कर शोध कार्यरत। 1991 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से डाक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि प्राप्त। सम्प्रति 'हड़प्पा वासियों के अभिलेख एवं उनके लेखक' विषय पर आप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वृहद् शोध परियोजना पर कार्यरत। श्री दिपक जाधव - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के माध्यम से जैन गणित, विशेषत: सिद्धान्तचक्रवर्ती आचार्य श्री नेमिचन्द्र के ग्रन्थों में निहित गणित पर पी एच.डी. हेतु कार्यरत। सम्प्रति जवाहरलाल नेहरू आदर्श शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बड़वानी में व्याख्याता - गणित के पद पर कार्यरत। डॉ. (श्रीमती) जया जैन - जैन चित्रकला में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त। अनेक शोधालेखों की लेखिका। सम्प्रति ग्वालियर में शोधरत। प्रो. महेश दुबे - प्राचीन भारतीय गणित के विशिष्ट अध्येता, धर्म एवं विज्ञान के सम्बन्धों पर गहन चिन्तन करने वाले वरिष्ठ विद्वान। सम्प्रति होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर के गणित विभाग में पदस्थ। डॉ. अनुपम जैन - जैन गणित पर अनुसंधानरत, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ - इन्दौर के मानद सचिव, भारतीय गणित इतिहास परिषद, दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान एवं अन्य अनेक राष्ट्रीय संस्थाओं से सम्बद्ध। सम्प्रति होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय के गणित विभाग में पदस्थ। ब्र. संदीप 'सरल' - जैन पाण्डुलिपियों के सर्वेक्षण, संकलन एवं संरक्षण हेतु समर्पित, दिगम्बर जैन धर्म की मर्यादाओं के अनुरूप व्रती जीवन का निर्वाह कर रहे जैन न्याय के विद्वान, अनेकान्त ज्ञान मन्दिर - बीना के संस्थापक। श्री मुकेशकुमार जैन - श्रुत संवर्द्धन संस्थान - मेरठ की गतिविधियों के संचालन में सहभागी, सराक सोपान के सम्पादक मंडल के सदस्य। डॉ. विजयकुमार जैन - 'श्रुत संवर्धिनी' मासिक के सम्पादक, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (मानित विश्वविद्यालय - लखनऊ परिसर) में उपाचार्य के पद पर पदस्था सम्पर्क - 5/779, विराम खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
अर्हत् वचन, 15 (4), 2003
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