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________________ श्री मनोज शास्त्री, शिक्षक, सांगानेर श्री अनुराग जैन, मडावरा श्री सुबोध जैन श्री आशीष शास्त्री, शाहगढ़ श्री जिनेन्द्र शास्त्री, मथुरा श्री मुन्नालाल जैन, ग्वालियर पं. कमलकुमार कमलांकुर, भोपाल श्री सुरेन्द्र जैन, जैन दर्शनाचार्य, वाराणसी श्री सन्मति शास्त्री, दिल्ली श्री विनोदकुमार शास्त्री, कांकरिया तलाई श्री आशीष जैन, बण्डा श्री पंकजकुमार जैन शास्त्री, रांची श्री अखिलेश शास्त्री, रामटोरिया श्री जिनेन्द्र जैन शास्त्री, मंगवा श्री मनीष शास्त्री, शाहगढ़ श्री विकास शास्त्री, सांगानेर श्री वीरेन्द्र शास्त्री, हीरापुर श्री अशोक जैन शास्त्री पूज्य उपाध्यायश्री ने युवा विद्वानों को सम्बोधित करते हुए समापन सत्र में कहा कि युवा विद्वान ही समाज का भविष्य है। उन्होंने अनेक ऐतिहासिक विद्वानों का उदाहरण देकर समाज, संस्कृति, सभ्यता, कला, इतिहास, दर्शन, धर्म के प्रति युवा विद्वानों को समर्पित होने की भावना व्यक्त की तथा आचरण के प्रति सजग रहने पर बल दिया। आपने युवा विद्वानों को प्रेरणा दी कि वे नियमित स्वाध्याय कर अपने ज्ञान का परिष्कार करें। ___ इस अवसर पर 'सविनय नमोस्तु' पुस्तक का विमोचन भी सम्पन्न हुआ। संगोष्टी अत्यन्त सफल रही। * श्रुत संवर्द्धन संस्थान 247, प्रथम तल, दिल्ली रोड़, मेरठ-250002 जैन धर्म एवं विज्ञान संगोष्ठी परमपूज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज के ससंघ सान्निध्य में सोनागिरि में 2 - 3 अक्टूबर 2003 को जैन धर्म एवं विज्ञान संगोष्ठी सम्पन्न हुई। प्राप्त सूचनानुसार संगोष्ठी में अनेक शोध पत्रों का वाचन किया गया। विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है। प्राप्त होने पर प्रकाशित किया जा सकेगा। सम्पादक जैन विद्या का पठनीय षट्मासिक JINAMANJARI JINAMANJARI Editor-Dr. S.A. Bhuvanendra Kumar Periodicity - Bi-annual (April & October) Publisher - Brahmi Society, Canada-U.S.A. Contact - Dr. S. A. Bhuvanendra Kumar 4665, Moccasin Trail, MISSISSAUGA, ONTARIO, CANADA 14Z 2W5 100 अर्हत् वचन, 15 (4), 2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526560
Book TitleArhat Vachan 2003 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2003
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size11 MB
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