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या अण्डे खाते हैं, उनके शरीर में रिस्पेटरों की संख्या में कमी हो जाती है। इसकी कमी से रक्त के अन्दर कोलेस्टेरोल की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे यह रक्तवाहिनियों में जमना आरम्भ हो जाता है और हृदयरोग आरम्भ हो जाता है। 4
अण्डों से चर्म रोग :
कोलेस्टेरोल अण्डों में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके फलस्वरूप चर्मरोग भी हो जाते हैं। अण्डों से कुछ व्यक्तियों को एलर्जी भी होती है। कुछ दिन पूर्व 'इण्डियन काउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च' द्वारा किये गये सर्वेक्षण से पता चला है कि फल, सब्जियाँ, अण्डे तथा मांस में डीडीटी के अंश पाये गये हैं। अण्डों में डीडीटी का अंश अधिक मात्रा में होता है, क्योंकि पॉल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियों को महामारी से बचाने के लिये डीडीटी आदि दवाईयों का धड़ल्ले से प्रयोग होता है। फलस्वरूप, अण्डे खाने वाले व्यक्ति के पेट में इन दवाईयों के अंश आ जाते हैं। इन दवाईयों के भयंकर परिणाम हो सकते हैं।
अण्डे दुष्पाच्य हैं :
अब तक अण्डों को सुपाच्य समझा जाता था, क्योंकि इनके प्रयोग पशुओं पर किये गये थे। कुछ वैज्ञानिकों ने जब इनका प्रयोग मनुष्यों पर किया तब पाया गया कि अपडे सुपाच्य नहीं होते, ये दुष्पाच्य होते हैं।
अण्डे आठ डिग्री सेल्सियस से ऊपर के ताप पर खराब होने आरम्भ हो जाते हैं। इनको खराब होने से बचाकर रखने के लिये भारत में इतना नीचा ताप रखना कठिन है। विदेशों में भी आजकल अण्डे न खाने का परामर्श दिया जा रहा है।
अण्डों का प्रोटीन शाक प्रोटीन से महंगा :
अण्डा, गेहूँ, दाल, सोयाबीन से प्राप्त होने वाले एक ग्राम प्रोटीन का मूल्य क्रमशः 14, 43 व 2 पैसे तथा सौ कैलोरी पर व्यय क्रमश: 10 9 8 व 5 पैसे हैं। इससे स्पष्ट है कि अण्डों की अपेक्षा दालों और अनाज से बहुत कम व्यय में ( सस्ता ) प्रोटीन और ऊर्जा प्राप्त होती है । "
• अण्डों से आंतड़ियों में सड़ान :
अण्डों में शक्तिदायक तत्व शर्करा तथा विटामिन सी बिल्कुल नहीं होते और केल्सियम तथा बी काम्पलेक्स विटामिन भी नगण्य मात्रा में होते हैं। इन तत्वों की कमी के कारण तथा विषैले तत्वों से युक्त होने के कारण अण्डे आंतड़ियों में सड़ान (Putrafaction) उत्पन्न कर कई रोगों को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त दूध की तुलना में अण्डे आसानी से नहीं पचते हैं। 7
अण्डों से अनेक रोग :
आज विज्ञान यह सिद्ध कर चुका है कि मांस की भांति अण्डा मनुष्य के शरीर के अनुकूल नहीं है, क्योंकि इनसे शरीर में अनेक भयंकर रोग उत्पन्न होते हैं। अण्डे खाने से रक्त में कोलेस्टेरोल की मात्रा बहुत बढ़ जाती है, जिससे पित्ताशय में पथरी (stone) हो जाती है। इससे दिल का दौरा पड़ने लगता है। इनके सेवन से त्वचा कठोर हो जाती है। इनसे रक्त अशुद्ध हो जाता है। शरीर में यह उत्तेजना बढ़ाता है। इनसे सात्विक बुद्धि नष्ट हो जाती है। इनके सेवन से शरीर में से दुर्गन्ध आने लगती है। इनसे रक्त दाब (Blood Pressure) बड़ जाता है। इनसे गुर्दों के अनेक रोग हो जाते हैं। इनसे कैन्सर (Colon Cancer) हो जाता है। इनसे दाँत शीघ्र रोगग्रस्त हो जाते हैं। इनसे पाचनक्रिया विकृत हो जाती है। इनसे श्वास की गति व हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। इनसे मस्तिष्क में अशान्ति
अर्हत् वचन, 15 (3), 2003
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