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श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार एवं सराक पुरस्कार 2002
सराकोद्धारक संत, परमपज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज की प्रेरणा से स्थापित श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ द्वारा जिनवाणी के प्रचार-प्रसार में अपने - अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विशिष्ट विद्वानों को निम्नांकित पाँच श्रुत संवर्द्धन वार्षिक पुरस्कारों से एवं सराक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु संस्था अथवा व्यक्ति को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है। पूज्य उपाध्यायश्री के पावन सान्निध्य में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में प्रत्येक चयनित विद्वान को रु. 31,000/- (सराक पुरस्कार हेतु रु. 25,000/-) की सम्मान निधि, प्रशस्ति पत्र, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष हेतु पुरस्कारों का संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है - 1. आचार्य शांतिसागर (छाणी) स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2002
यह पुरस्कार जैन आगम साहित्य के पारम्परिक अध्येता/टीकाकार विद्वान को आगमिक ज्ञान के संरक्षण में उसके योगदान के आधार पर प्रदान किया
जाता है। 2. आचार्य सूर्यसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2002
यह पुरस्कार प्रवचन निष्णात एवं जिनवाणी की प्रभावना करने वाले विद्वान को प्रदान किया जाता है। 3. आचार्य विमलसागर (भिण्ड) स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2002
यह पुरस्कार जैन पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जैन पत्रकार को दिया जाता है। 4. आचार्य सुमतिसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2002
यह पुरस्कार जैन विद्याओं के शोध/अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदान किया जाता है ! चयन का आधार समग्र योगदान होगा! मुनि वर्द्धमानसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार-2002
___ यह पुरस्कार जैन धर्म/दर्शन के किसी भी क्षेत्र में लिखी हुई मौलिक, शोधपूर्ण, अप्रकाशित कृति पर प्रदान किया जाता है। 6. सराक पुरस्कार - 2002
यह पुरस्कार सराक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर दिया जाता है।
__ उपरोक्त पुरस्कार हेतु कोई भी विद्वान/सामाजिक कार्यकर्ता/संस्था निर्धारित प्रस्ताव पत्र पर अपने आवेदन 15 नवम्बर 2002 तक निम्न पते पर प्रेषित कर सकते हैं। प्रत्येक पुरस्कार हेतु प्रस्ताव पृथक-पृथक प्रस्ताव पत्र पर सभी आवश्यक संलग्नकों सहित भेजे जाने चाहिये। प्रस्ताव पत्र एवं नियमावली श्रुत संवर्द्धन संस्थान, प्रथम तल, 247 दिल्ली रोड, मेरठ (उ.प्र.) से प्राप्त की जा सकती है।
- डॉ. अनुपम जैन
पुरस्कार संयोजक ज्ञानछाया, डी - 14, सुदामा नगर, इन्दौर - 452 009
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अर्हत् वचन, 14 (2 - 3), 2002
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