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________________ सिंघवी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के अध्यक्ष श्री निर्मलकुमारजी सेठी ने की। - संघस्थ ब्र. बहन अनीताजी के मंगलाचरण के पश्चात् श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ के महामंत्री हंसकुमार जैन, मेरठ ने स्वागत भाषण एवं संस्था परिचय दिया। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. नलिन के. शास्त्री, कुलसचिव बी. आर. अम्बेडकर केन्द्रीय वि. वि. लखनऊ ने प्रशस्ति वाचन किया एवं पुरस्कार संयोजक डॉ. अनुपम जैन द्वारा पुरस्कार योजना का विस्तृत परिचय दिया गया । ज्ञानपीठ के प्रबन्ध न्यासी साहू श्री रमेशचन्दजी जैन ने श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ द्वारा प्रदत्त इस पुरस्कार के माध्यम से ज्ञानपीठ की सेवाओं का मूल्यांकन करने हेतु आभार माना। आपने अपने उद्बोधन में ज्ञानपीठ की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की । कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री निर्मलकुमारजी सेठी ने आचार्य प्रणीत ग्रन्थों के प्रकाशन की आवश्यकता प्रतिपादित की एवं कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम आगम की दृष्टि से अपनी कार्य पद्धति बनायें न कि अपनी दृष्टि से आगम को व्याख्यापित करें । पूज्य उपाध्यायश्री ने हुए कहा कि हम विद्वानों का प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों को किया। आपने जैन साहित्य के हेतु संस्थान के कार्यकर्ताओं अपना आशीर्वाद प्रदान किया । अपने आशीर्वचन में संस्थान के कार्यकर्ताओं को शुभाशीष देते सम्मान करें तथा उन संस्थाओं का भी सम्मान करें जिन्होंने जनसुलभ कराया एवं स्वाध्याय की परम्परा को भी परिपुष्ट संरक्षण एवं सम्वर्द्धन हेतु ज्ञानपीठ को एवं इस प्रशस्त निर्णय कार्यक्रम को निर्णायक मंडल की ओर से श्री सुरेश जैन I.A.S. (भोपाल), शास्त्री परिषद के अध्यक्ष प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन ( फिरोजाबाद), विद्वत् महासंघ के अध्यक्ष पं. शिवचरनलाल जैन (मैनपुरी) तथा श्री नीरज जैन (सतना) ने भी सम्बोधित किया। आभार माना संस्थान के कार्याध्यक्ष श्री योगेश जैन ( खतौली ) ने। पुरस्कार प्रायोजक श्री अभयकुमार जैन के सुपुत्र श्री नितिन जैन ( अहमदाबाद) एवं पुरस्कार के संयोजक डॉ. अनुपम जैन (इन्दौर) का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम जैन (गाजियाबाद) ने किया। इसमें डॉ. रमेशचन्द ( कुलपति - मेरठ वि.वि.), डॉ. दिनेश मिश्र ( मानद् निदेशक भारतीय ज्ञानपीठ), डॉ. डी. सी. जैन (वाइस चेअरमेन वर्द्धमान मेडिकल कॉलेज), डॉ. जयकुमार जैन (मुजफ्फरनगर), डॉ. शीतलचन्द्र जैन (जयपुर), आचार्य गोपीलाल 'अमर' (दिल्ली), डॉ. सुरेशचन्द जैन (दिल्ली), डॉ. अशोककुमार जैन (लाडनूँ), डॉ. कपूरचन्द्र जैन ( खतौली), डॉ. ज्योति जैन ( खतौली, श्री विवेक जैन (गाजियाबाद), श्री रवीन्द्र जैन (मुजफ्फरनगर) की उपस्थिति उल्लेखनीय रही । इस अवसर पर पुरस्कार समिति के संयोजक डॉ. अनुपम जैन के सम्पादकत्व में एक पुस्तिका का प्रकाशन किया गया जिसमें प्रशस्ति एवं भारतीय ज्ञानपीठ के परिचय के साथ ही श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ एवं सहयोगी संस्था प्राच्य श्रमण भारती, मुजफ्फरनगर का भी परिचय दिया गया। 94 Jain Education International * 247, प्रथम तल, दिल्ली रोड, अजन्तास सिनेमा के पास, मेरठ 250002 अर्हत् वचन, 14 ( 1 ), 2002 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526553
Book TitleArhat Vachan 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2002
Total Pages108
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size7 MB
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