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________________ ' कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार - 99 की घोषणा 'likk श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर द्वारा जैन साहित्य के सृजन, अध्ययन, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के अन्तर्गत रुपये 25,000 = 00 का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय 1992 में लिया गया था। इसके अन्तर्गत नगद राशि के अतिरिक्त लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाता है। 1993 से 1998 के मध्य संहितासूरि पं. नाथूलाल जैन शास्त्री (इन्दौर), प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन (जबलपुर), प्रो. भागचन्द्र 'भास्कर' (नागपुर), डॉ. उदयचन्द्र जैन (उदयपुर), आचार्य गोपीलाल 'अमर' (नई दिल्ली) एवं प्रो. राधाचरण गुप्त (झांसी) को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 1999 के पुरस्कार हेतु प्रविष्टि भेजने की अन्तिम तिथि 30.6.2000 थी। प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन प्रो. अब्दुल असद अब्बासी, पूर्व कुमलपति - देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर की अध्यक्षता वाली एक त्रिसदस्यीय समिति द्वारा किया गया जिसमें पं. शिवचरनलाल जैन - मैनपुरी (अध्यक्ष - तीर्थंकर ऋषभदेव विद्वत् महासंघ) तथा प्रो. नलिन के. शास्त्री (समायोजक - महाविद्यालय विकास परिषद, मगध वि.वि., बोधगया) सदस्य थे। उक्त निर्णायक मंडल की अनुशंसा के आधार पर प्रसिद्ध जैन विद्वान डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन, इन्दौर को उनके अप्रकाशित शोध प्रबन्ध 'हिन्दी के जैन विलास काव्यों का उद्भव और विकास (वि.सं. 1520 से 1900 तक)' पर प्रदान करने की घोषणा की गई है। पुरस्कार समर्पण समारोह फरवरी - मार्च 2001 में होना संभावित है। वर्ष 2000 का पुरस्कार 'भगवान ऋषभदेव' पर लिखित किसी मौलिक | प्रकाशित / अप्रकाशित कृति पर दिया जायेगा। कृति में भगवान ऋषभदेव के साहित्य, इतिहास एवं पुरातत्त्व में उपलब्ध सभी सन्दर्भ मूलत: एवं प्रामाणिक रूप में संकलित होने चाहिये। वैदिक साहित्य के उद्धरणों के प्रामाणिक अनुवाद भी ससन्दर्भ दिये जाना अपेक्षित है। हिन्दी / अंग्रेजी भाषा में लिखित मौलिक प्रकाशित / अप्रकाशित एकल कृति निर्धारित प्रस्ताव पत्र के साथ 28 फरवरी 2001 तक कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के कार्यालय में प्राप्त होना आवश्यक है। प्रस्ताव पत्र कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कार्यालय में उपलब्ध हैं। देवकुमारसिंह कासलीवाल डॉ. अनुपम जैन अध्यक्ष मानद सचिव 30.11.2000 अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000
SR No.526548
Book TitleArhat Vachan 2000 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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