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________________ 1629118 इसी बात को लेकर सम्पूर्ण जैन समाज, उदयपुर ने प्रतिभागियों के नेतृत्व में मानव संसाधन विकास मंत्री श्री मुरलीमनोहरजी जोशीके नाम प्रेषित ज्ञापन को एक विशाल जुलूस के रूप में जिला कलेक्टर परिसर पहुँचकर अति. कलेक्टर को सौंपा। संगोष्ठी में आचार्य श्री कनकनंदीजी, मुनि श्री विद्यानंदीजी, मुनि श्री आज्ञासागरजी, आर्यिका श्री रिद्धिश्रीजी द्वारा रचित ग्रंथों का भी विमोचन किया गया। साथ ही सम्मान समारोह, इंटरनेट पर www.jainkanaknandi.org का उद्घाटन तथा पिच्छि परिवर्तन कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी के दौरान आचार्य कनकनंदी गुरुदेव के ओजस्वी तथा विद्वत्तापूर्ण प्रवचनों का लाभ भी श्रोताओं को प्राप्त हुआ। 1. बच्चों का शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक शोषण नहीं होना चाहिये। 2. पाठ्यपुस्तकों में नैतिक शिक्षा का समावेश होना चाहिये। 3. शिक्षक विद्यालयों में आदर्श आचरण प्रस्तुत करें। 4. बच्चों को गृह कार्य कम डॉ. संजीव सराफ अपना आलेख प्रस्तुत करते हुए से कम दिया जाये ताकि पढ़ाई बोझिल न हो। 5. प्रायवेट स्कूलों में आडम्बरप्रियता तथा फैशन कम से कम हो। 6. शिक्षक घर के कार्य को विद्यालय में न करें। 7. मातृभाषा में बोलने वाले बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में दंडित न किया जाये। 8. शिक्षण शुल्क कम से कम हो। 9. पाठ्यपुस्तकों में अनावश्यक एवं अप्रयोजनभूत तथ्यों को सम्मिलित न किया जाये। 10. पाठ्यपुस्तकों में पुनरावृत्ति को रोका जाये। 11. प्रायोगिक शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिये। 12. ध्यान एवं योग शिक्षा का अनिवार्य अंग बने। 13. विद्यालयों में बच्चों को न्यूनतम 5 वर्ष की आयु के पहले प्रवेश ही न दिया जाये। संगोष्ठी में प्रस्तुत शोधपत्रों का एक निर्णायक मंडल द्वारा मूल्यांकन किया गया एवं निम्नवत् पुरस्कार घोषित किये गये. सर्वोत्तम पुरस्कार प्रथम पुरस्कार द्वितीय पुरस्कार तृतीय पुरस्कार सांत्वना पुरस्कार अनुशंसा संगोष्ठी में देशभर से पधारे प्रतिभागियों द्वारा शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के लिये सुझाये गये निम्नलिखित तेरह सुझावों को अमल में लाने हेतु विनम्र अपील देश भर के शिक्षा संस्थानों को भेजी गई 84 : : आर्यिका ऋद्धिश्री माताजी, कु. सुरुचि जैन (कोटा), डॉ. संजीव सराफ (सागर) डॉ. मुकेश जैन (जबलपुर), डॉ. (श्रीमती) सुषमा जैन (सहारनपूर), डॉ. के. के. शर्मा, (बड़ौत ) : डॉ. संजय जैन (जबलपुर), डॉ. शशि चित्तौड़ा (चित्तौड़), डॉ. शांतिलाल गोदावत : प्रो. हनुमानसिंह वार्डिया, डॉ. निर्मला जैन, श्री पी. सी. जैन : श्री दीपक जैन, श्री अजित जैन 'जलज', श्री सत्येन्द्र जैन, श्री राजकुमार, प्रो. के. के. जैन, बीना श्री विमल गोधा, डॉ. (श्रीमती) सरोज जैन का * पुस्तकालयाध्यक्ष- कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584 महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर- 452001 अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000
SR No.526548
Book TitleArhat Vachan 2000 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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