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________________ सराक वार्षिक पुरस्कार-2000 की घोषणा एवं समर्पण परम पूज्य उपाध्यायरत्न श्री ज्ञानसागरजी महाराज की प्रेरणा से अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन सराक ट्रस्ट ने सराक पुरस्कार की स्थापना की थी। इसके अन्तर्गत चयनित व्यक्ति या संस्था को रु. 25,000/- नगद, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जाता है। वर्ष 1999 का पुरस्कार सराकोत्थान उपसमिति, गाजियाबाद को प्रदान किया गया था। वर्ष 2000 हेतु पाँच सदस्यीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया था। निर्णायक मंडल की सर्वसम्मत अनुशंसा के आधार पर श्री प्रेमचन्द जैन 'तेल वाले, मेरठ को वर्ष 2000 का सराक पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई। यह पुरस्कार 28 नवम्बर 2000 को अहिंसा स्थल, अलवर में उपाध्यायश्री के सान्निध्य में साहू रमेशचन्दजी जैन के मुख्य आतिथ्य तथा श्री उम्मेदमलजी पांड्या की अध्यक्षता में समर्पित किया गया। पुरस्कार समर्पण समारोह के अवसर पर श्री प्रेमचन्दजी जैन ने 1,00,000/- (एक लाख रुपये) की राशि सराकोत्थान हेतु समर्पित करने की घोषणा की। डॉ. अनुपम जैन संयोजक - पुरस्कार समिति आचार्य कुन्दकुन्द हस्तलिखित श्रुत भंडार, खजुराहो की ग्रन्थ सूची का विमोचन पूज्य श्री शशिभाई जी की प्रेरणा से स्थापित श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर द्वारा प्रदत्त आर्थिक अनुदान से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा संचालित जैन साहित्य सूचीकरण परियोजना के अन्तर्गत आचार्य कुन्दकुन्द हस्तलिखित श्रुत भंडार, खजुराहो की ग्रन्थ सूची का विमोचन परमपूजय उपाध्याय मुनि श्री ज्ञानसागरजी महाराज के सान्निध्य में विशाल जन समुदाय के समक्ष श्री ऋषभदेव दि. जैन पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, अलवर के भव्य पाण्डाल में दिनांक 28.11.2000 को सम्पन्न हुआ। विमोचन साहू श्री रमेशचन्दजी जैन के करकमलों से जैन समाज के वरिष्ठ नेता श्री उम्मेदमलजी पांड्या की अध्यक्षता में डॉ. अनुपम जैन एवं डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' ने कराया। समारोह का संचालन एवं सूचीकरण के कार्य के महत्व का प्रतिपादन डॉ. अनुपम जैन ने किया। ग्रंथ सूची की विमोचित प्रति पूज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज ने श्री दिग. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, खजुराहो के मंत्री श्री निर्मल जैन, सतना को भेंट की। इस अवसर पर ख्यातिलब्ध विद्वान् संहितासूरि पं. नाथूलालजी जैन शास्त्री-इन्दौर, डॉ. जयकुमार जैन - मुजफ्फरनगर, डॉ. शेखरचन्द जैन - अहमदाबाद, श्री ताराचन्द प्रेमी- फिरोजपुर झिरका, डॉ. अशोककुमार जैन - लाडनूं, डॉ. नरेन्द्रकुमार जैन-सहारनपुर, डॉ. शुभचन्द्र जैन - मैसूर, डॉ. (श्रीमती) रश्मि जैन - फिरोजाबाद, पं. निर्मल जैन - जयपुर, डॉ. सुषमा जैन- सहारनपुर आदि अनेक विद्वान् उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री निर्मल जैन, सतना ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए इस महत्वपूर्ण कार्य के लिये श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर एवं कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के प्रति आभार व्यक्त किया। साहू श्री रमेशचन्दजी जैन ने इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हम भंडार में उपलब्ध अद्यतन अप्रकाशित ग्रन्थों के शीघ्र प्रकाशन में सहयोग करेंगे। उपाध्यायश्री ने पांडुलिपियों के संरक्षण एवं सूचीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए इस कार्य में लगे लोगों का उत्साहवर्द्धन करते हुए अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। . कु. संध्या जैन कार्यकारी परियोजनाधिकारी, सूचीकरण परियोजना कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584 महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर 88888888888 अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000
SR No.526548
Book TitleArhat Vachan 2000 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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