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श्रीमती कुसुमकुमारी देवी कासलीवाल के निधन से अपूरणीय क्षति
देश की जैन समाज के सर्वप्रमुख नेता तथा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अध्यक्ष श्री देवकुमारसिंहजी कासलीवाल की धर्मपत्नी एवं श्री अजीतकुमारसिंह तथा प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष दिगम्बर जैन महासमिति) की पूज्य मातुश्री श्रीमती कुसुमकुमारी देवी कासलीवाल का निधन 27.8.2000 को सायं 7 बजे हो गया। इस हृदय विदारक समाचार से देश की सम्पूर्ण जैन समाज में शोक की लहर व्याप्त हो गई। उनकी अंत्येष्टि दिनांक 28.8.2000 को मध्यान्ह 1.30 बजे उनके पारिवारिक प्रतिष्ठान कस्तूर टाकीज, धार रोड़, इन्दौर के प्रांगण में नगर के प्रमुख समाजसेवियों तथा अनेकों राष्ट्रीय संस्थाओं के पदाधिकारियों की
उपस्थिति में सम्पन्न हुई ।
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ज्ञातव्य है कि श्रीमती कुसुमकुमारी देवी कासलीवाल देव शास्त्र - गुरु के प्रति अनन्य श्रद्धावान रहकर जीवनपर्यंन्त धार्मिक क्रियाओं, व्रत उपवासादि में विशेष रूचि रखती रहीं । उन्होंने अनेकशः अष्टान्हिका 8 के एवं दशलक्षण के 10 उपवास किये। अपने भरे पूरे परिवार को तो उन्होंने प्रशस्त संस्कार दिये ही, अन्य परिवारों की बहू बेटियों को भी वे धार्मिक क्रियाओं हेतु प्रेरित करती रहीं ।
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दिगम्बर जैन महासमिति द्वारा संचालित महिला गृह उद्योग के माध्यम से महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने, गरीब एवं निर्धन महिलाओं को सब प्रकार की मदद पहुँचाने में उनकी विशेष भूमिका जीवन पर्यन्त रही ।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की समस्त गतिविधियों में उनकी विशेष अभिरूचि थी। वे परोक्ष रूप से इनका सतत समर्थन करती रहती थीं । कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर परिवार के सभी सदस्यों को आपको मातृवत वात्सल्य प्राप्त था।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कार्यालय में 28.3.2000 को आयोजित सभा में ज्ञानपीठ परिवार एवं दि. जैन उदासीन आश्रम, इन्दौर के सदस्यों ने उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. अनुपम जैन