________________
अनेकान्त ज्ञान मन्दिर बीना को महाकवि रइधू पुरस्कार प्राप्त
अनेकान्त ज्ञान मन्दिर बीना (सागर) को भगवान महावीर जयन्ती के पावन अवसर पर पं. श्याम सुन्दर लाल शास्त्री श्रुत प्रभावक न्यास, फिरोजाबाद (उ.प्र.) द्वारा स्थापित महाकवि रइधू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
न्यास के मंत्री एवं अ. भा. शास्त्री परिषद के अध्यक्ष प्राचार्य श्री नरेन्द्रप्रकाशजी जैन, सम्पादक - जैन गजट, ने बतलाया कि जैन गजट के प्रधान सम्पादक, सरस्वती पुत्र पं. श्यास सुन्दर लाल शास्त्री को गाँधीनाथा रंग ट्रस्ट सोलापुर द्वारा प्राप्त कुन्दकुन्द पुरस्कार में प्राप्त सम्मान निधि में कुछ अपनी राशि संयुक्त करके महाकवि रइधू पुरस्कार की स्थापना वर्ष 98 में की गई थी। गत वर्ष (1999) यह पुरस्कार तीर्थंकर ऋषभदेव विद्वत महासंघ के अध्यक्ष पं. शिवचरणलालजी मैनपुरी को प्रदान किया गया था। वर्ष 2000 का महाकवि रइधू पुरस्कार न्यास के द्वारा अनेकान्त ज्ञान मन्दिर की सृजनात्मक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने के लिये एवं जिनवाणी के संरक्षण के पुनीत कार्य के लिये दिया गया है।
बंधाईयाँ प्रसिद्ध लेखिका डॉ. सुषमा जैन को सर्वोदय शिक्षा मनोविज्ञान शीर्षक राष्ट्रीय संगोष्ठी में आचार्य श्री कनकनन्दी के सान्निध्य में 'प्राचीन तथा आधुनिक शिक्षा प्रणाली में कमियाँ, खामियाँ एवं उसमें सुधार के उपाय' शीर्षक शोध आलेख पर 'विद्या श्री' की उपाधि एवं प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
विगत 36 वर्षों से विक्रम वि.वि., उज्जैन के सांख्यिकी विभाग में सेवारत डॉ. रमेशचन्द जैन की पदोन्नति 1998 से आचार्य (प्रोफेसर) पद पर हो गई है। वे इससे पूर्व 1990 से 98 के मध्य सांख्यिकी विभाग में उपाचार्य (रीडर) पर रहते हुये कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की स्थापना से ही ज्ञानपीठ से सक्रिय रूप में जुड़े हैं।
परमपूज्य उपाध्याय श्री 108 गुप्तिसागरजी महाराज के सान्निध्य में उत्तरप्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री सूरजभानसिंहजी जैन ने जैन दर्शन के प्रख्यात विद्वान पं. निहालचंद जैन बीना को वर्ष 2000 का प्रथम गुरु आशीष पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
उक्त पुरस्कार (नगद रु. 11000/- एवं प्रतीक चिन्ह) प्रदान करने के साथ ही प्राचार्य निहालचंद जैन की कृति - 'किसने मेरे ख्याल में गुप्ति संदेश सुना दिया' का
लोकार्पण भी महामहिम राज्यपालजी के करकमलों द्वारा हुआ। 'पुरस्कार समारोह महावीर जयन्ती के शुभअवसर पर नोएडा सेक्टर 27 में नवनिर्मित श्री दि. जैन मंदिरजी की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन प्रसंग पर हुआ।
आवश्यकता है एन्साइक्लोपीडिया जैनिका (जैनविद्या विश्वकोश) के कार्य के लिए जैनविद्या के एक निष्णात विद्वान् की आवश्यकता है। जो लखनऊ में रहकर जैनविद्या विश्वकोश के लखनऊ कार्यालय में अकादमिक कार्य कर सके। वेतन योग्यतानुसार। सम्बद्ध विद्वान् अपने बायोडाटा भेजें। बायोडाटा में यह उल्लेख अवश्य करें कि अभ्यर्थी विद्वान् जैनविद्या की किस ज्ञानशाखा में अपनी विशेषज्ञता रखते हैं तथा उन्हें किन-किन भाषाओं में लिखने और पढ़ने की क्षमता है? आयु व अपेक्षित मानदेय का उल्लेख भी अवश्य करें। बायोडाटा भेजने का पता -
प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, जैन विद्या विश्वकोश बी 1/132, सेक्टर - जी, अलीगंज, लखनऊ-226024
94
अर्हत् वचन, अप्रैल 2000