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________________ आख्या । अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का पुरस्कार समर्पण समारोह कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर 3 इन्दौर, दिनांक 29 मार्च 2000 -जयसेन जैन* दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर द्वारा स्थापित एवं देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर द्वारा मान्य शोध केन्द्र कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह 29 मार्च 2000 को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिसर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 1993 से प्रवर्तित कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार, वर्ष 1998 से प्रारम्भ हुए ज्ञानोदय पुरस्कार एवं वर्ष 1990 से दिये जा रहे अर्हत् वचन पुरस्कार का समर्पण उपाध्याय मुनि श्री निजानन्दसागरजी महाराज के मंगल सान्निध्य में ऋषभदेव जयन्ती के पावन अवसर पर सम्पन्न हुआ। विक्रम वि.वि. के पूर्व कुलपति प्रो. आर. आर. नांदगांवकर की अध्यक्षता तथा म. प्र. उच्च न्यायालय की इन्दौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति श्री एन. के. जैन के मुख्य आतिथ्य में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर के पूर्व कुलपति प्रो. ए. ए. अब्बासी, पद्मश्री बाबूलालजी पाटोदी, दिगम्बर जैन समाज इन्दौर के अध्यक्ष श्री हीरालालजी झांझरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन के मंगलाचरण से प्रारम्भ हई सभा में संस्थाध्यक्ष श्री देवकमारसिंह कासलीवाल ने माननीय अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण तथा निदेशक प्रो. नवीन सी. जैन ने संस्था की उपलब्धियों का परिचय दिया। श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के अध्यक्ष श्री हीरालाल जैन ने ट्रस्ट के सहयोग से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में संचालित प्रकाशित जैन साहित्य पांडुलिपि सूचीकरण परियोजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक लगभग 14,000 प्रकाशित पुस्तकों तथा 8,000 पांडुलिपियों के विवरण कम्प्यूटर में फीड किये जा चुके हैं। इन विवरणों के सुसम्पादित संशोधित प्रिन्टआऊट्स का विमोचन भी किया गया। डॉ. एन. पी. जैन, कुन्दकुन्दज्ञानप पूर्व राजदूत- इन्दौर, प्रो. नामदेव समोठी-एक सरोजकुमार - इन्दौर एवं प्रो. আমেডিকেল सी. एल. परिहार - इन्दौर के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल की अनुशंसा के आधार पर श्री दिपक जाधव - बड़वानी तथा डॉ. अशोक के. मिश्र, अवध वि.वि. - फैजाबाद को अर्हत् वचन पुरस्कार -98 से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1998 में अर्हत् वचन में प्रकाशित उनके सूचीकरण परियोजना के प्रिन्टआऊट्स का विमोचन श्रेष्ठ आलेखों हेतु प्रदान किये गये। श्रीमती शांतादेवी रतनलाल बोबरा की स्मृति में श्री सूरजमल बोबरा के सौजन्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा स्थापित ज्ञानोदय पुरस्कारों की श्रृंखला में प्रथम पुरस्कार अर्हत् वचन, अप्रैल 2000 79
SR No.526546
Book TitleArhat Vachan 2000 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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