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________________ में प्रचलित किंवदन्तियों, लोक रूढ़ियों एवं लोकाचारों को आधार बनाते हुए पार्श्वनाथ से पूर्व जैन धर्म की अवस्थिति को सप्रमाण विस्तार से सिद्ध किया । సార్ ఏర్ कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ ऋषभदेव संगोष्ठी पुरस्कार समर्पण समारोह इन्दौर 28-29 मार्च 2000 संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री बोबरा 29 मार्च को पूर्वान्ह 11 बजे संगोष्ठी का चतुर्थ एवं समापन सत्र ज्ञानपीठ के निदेशक प्रो. नवीन सी. जैन (इन्दौर) की अध्यक्षता एवं विख्यात पुराविद् डॉ. टी. व्ही. जी. शास्त्री (सिकन्दराबाद) के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस सत्र में डॉ. टी.व्ही.जी. शास्त्री (सिकन्दराबाद), डॉ. अशोक के. मिश्र (फैजाबाद), श्री दिपक जाधव (बड़वानी), डॉ. शैलेन्द्रकुमार रस्तोगी (लखनऊ), प्रो. आर. सी. गुप्त (झांसी) ने अपने विचार व्यक्त किये तथा प्रो. गुप्त ने जैन गणित एवं भारतीय गणित के अध्ययन के क्षेत्र में कार्य के अपने अनुभव सुनाये। समागत सभी विद्वानों का ज्ञानपीठ की ओर से श्रीफल द्वारा सम्मान किया गया। संगोष्ठी के विभिन्न सत्र में ब्र. अनिलजी, ब्र. अभयजी, ब्र. अजितजी, ब्र. रजनीजी, प्रो. ए. ए. अब्बासी पूर्व कुलपति प्रो. सी. के. तिवारी पूर्व प्राचार्य, प्रो. जे. सी. उपाध्याय, प्रो. महेश दुबे, डा. सरोज कोठारी, डॉ. सरोज चौधरी, श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल, श्री महाराजाबहादुरसिंह कासलीवाल, श्री कैलाशचन्द चौधरी, पद्मश्री बाबूलालजी पाटोदी, श्री हीरालालजी जैन भावनगर, श्री रमेश कासलीवाल, श्री ऋषभकुमार जैन आदि विशिष्ट विद्वानों, पत्रकारों एवं समाजसेवियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। समस्त कार्यक्रम के प्रचार संयोजक श्री जयसेन जैन सम्पादक-सन्मति वाणी थे। 78 ज्ञातव्य है कि परम पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सम्पूर्ण विश्व में भगवान ऋषभदेव अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष में 1008 संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। फरवरी के अन्त में लाल मन्दिर - दिल्ली में प्रथम संगोष्ठी आयोजित हुई। इस श्रृंखला में यह दूसरी संगोष्ठी थी। * प्रबन्धक - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ 584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर - 452001 अर्हत् वचन, अप्रैल 2000
SR No.526546
Book TitleArhat Vachan 2000 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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