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________________ की भांति कलाएँ भी बदलता रहता है, यहाँ की परिस्थितियाँ मानव जीवन के अनुकूल नहीं लगती। मंगल ग्रह (MARS) सूर्य से लगभग 23 करोड़ कि.मी. दर है, वहाँ का औसत तापक्रम 25° से. है। कारबनडाई आक्साइड की प्रधानता है, अधिकतम तापमान 20° से. न्यूनतम - 100° से. हो जाता है, आक्सीजन केवल 1% है, मंगल ग्रह की वैज्ञानिकों ने बहुत खोज की है। इस गुलाबी रंग की आभा वाले ग्रह पर अक्सर धूल भरी हवाएँ उड़ती रहती हैं। चंद्रमा के धरातल के समान . यहाँ भी बड़ी संख्या में खड्डे (Craters) हैं। धरती ऊसर, उजाड एवं सूखी है। यहाँ के धरातल पर कुछ रेखाएँ दृष्टिगोचर होती हैं जो सूखी नदियाँ अथवा नहरें जैसी लगती हैं। अभी हाल ही में मंगल ग्रह की परिक्रमा को भेजे गये मार्स ग्लोबल सर्वेयर(M.G.S.) ने पहली बार इसकी सतह का विस्तृत नक्शा तैयार किया है, जिससे इसके आकार, बर्फ . की उपलब्धता एवं अन्य भौगोलिक स्थिति की स्पष्ट जानकारी मिलती है, गोडार्ड स्थित अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेन्सी 'नासा' के स्पेस फ्लाइट सेंटर का कहना है कि इस नक्शे में मंगल की ध्रुवीय चोटियों, विस्तृत मैदानी भाग, विलुप्त ज्वालामुखियों एवं अन्य भौगोलिक संरचनाओं को अधिक स्पष्टता से चित्रित किया गया है, यह नक्शा लेसर किरणों द्वारा मात्र 13 मीटर के रिजोल्यूशन (Resolution) से तैयार किया गया है, नक्शे में मंगल पर बर्फ की उपलब्धता का भी अनुमान लगाया गया है, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर करीब 40 लाख घन किलोमीटर बर्फ है, यह मात्रा पूरे मंगल ग्रह को 30 मीटर गहराई तक ढक सकती है, जब ध्रुवों पर गर्मी पाकर बर्फ पिघलती है, तब वहाँ की नहरों और नदियों में पिघला हुआ द्रव दिखाई देता है, और तभी वहाँ वनस्पति से ढका क्षेत्रफल बढ़ जाता है, हाल ही में मंगल ग्रह पर जीवाश्म (Fossils) होने का भी पता चला है, अनुमान है कि किसी समय में वहाँ जीवन का विकास हआ होगा पर किसी कारणवश सब नष्ट हो गया। मंगल ग्रह से ऊपर बृहस्पति ग्रह सूर्य से 80 करोड़ कि.मी. तथा शनि ग्रह 143 करोड़ कि.मी. दूर है। बृहस्पति का तापक्रम - 140° से. है पानी अथाह मात्रा में बर्फ के रूप में हैं तथा इसके उपग्रहों पर भी है, यहाँ 90% हाइड्रोजन व हीलियम गैसें है तथा शेष भाग अमोनिया व मीथेन है, शनि का तापक्रम - 155° से. है और बृहस्पति जैसी ही परिस्थितियाँ हैं, अत: मानव के होने की संभावना नहीं है, इनसे ऊपर के ग्रहों में सूर्य की ऊर्जा बहुत कम पहुँच पाती है, जो मानव के अनुकूल नहीं। हमारे सौरमंडल के बाद दूसरा तारा 4.29 प्रकाशवर्ष दूर है इसकी चमक व आकार हमारे सूर्य जैसा है, सूर्य से 650 प्रकाश वर्षों के अंतराल में अभी तक लगभग 20 ऐसे तारों की जानकारी हुई है, इनमें राइगल (Rigal) नामक तारा सूर्य से 23000 गुणा अधिक चमकदार है, और वह 650 प्रकाश वर्ष दूर है। यदि सबसे निकट वाले 'एल्फा सैन्टौरी' को यहाँ से रेडियो सिंग्नल भेजा जावे तो वहां से उत्तर प्राप्त करने में लगभग साढे आठ वर्ष लग जायेंगे। रेडियो तरंग प्रकाश के साथ - साथ ही अर्थात् एक सेकन्ड में 3 x 10° मीटर चलती है इसी प्रकार सबसे निकट वाली गैलेक्सी एन्ड्रोमिडा जो 23 लाख प्रकाशवर्ष दूर है, वहाँ से रेडियो सिंग्नल का उत्तर प्राप्त करने में 23 X 2 अर्थात 46,00,000 वर्ष लगेंगे, आज जो भी वह दिखाई दे रहा है वह दृश्य या संदेश 23 लाख वर्ष पुराना है। वैज्ञानिकों के अनुसार बाहर के लोकों से विशेष प्रकार के रेडियो सिंग्नल बराबर अर्हत् वचन, जनवरी 2000
SR No.526545
Book TitleArhat Vachan 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size24 MB
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