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________________ श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 99 समर्पण समारोह सम्पन्न सराकोद्धारक संत, परमपूज्य 108 उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज की सत्प्रेरणा से जिनवाणी के प्रचार - प्रसार हेतु अपने - अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले 5 विशिष्ट विद्वानों को श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ एवं उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज चातुर्मास समिति, अजमेर द्वारा जैन भवन, केसरगंज, अजमेर में 20.11.99 को आयोजित सम्मान समारोह में लोकप्रिय सांसद प्रोफेसर रासासिंह रावत के मुख्य आतिथ्य में वर्ष 1999 के 5 श्रुत संवर्द्धन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। ज्ञातव्य है कि श्रृत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ द्वारा अपनी सहयोगी संस्था प्राच्य श्रमण भारती, मुजफ्फरनगर के सहयोग से इससे पूर्व 1991 में डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य (जबलपुर) एवं पं. श्रुतसागर जैन 'न्यायतीर्थ' शाहपुर) को दिल्ली में तथा पं. उदयचन्द जैन 'सर्वदर्शनाचार्य' (वाराणसी), पं. अमृतलाल जैन शास्त्री (वाराणसी), डॉ. राजाराम जैन (आरा), पं. भूवनेन्द्रकुमार जैन (मालथौन) को 1997 में तिजारा जी (राज.) में एवं पं. जवाहरलाल जैन (भीण्डर), प्रो. चेतनप्रकाश पाटनी (जोधपुर), पं. रत जैन शास्त्री (इन्दौर), प्रा. नरेन्द्रप्रकाश जैन (फिरोजाबाद) एवं डॉ.फूलचन्द प्रेमी (वाराणसी) को 1998 में तिजारा जी में सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 1999 से श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ ने नियमित रूप से पाँच वार्षिक पुरस्कार प्रदान करने का निश्चय किया जिसके अन्तर्गत प्रत्येक पुरस्कृत विद्वान को रुपये 31,000 = 00 की नगदराशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से समारोह पूर्वक सम्मानित किया जाना तय किया गया। वर्ष 1999 के पुरस्कारों के निर्णय हेतु निम्नांकित 4 सदस्यीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया जिसके निम्नांकित सदस्य थे। 1. श्री योगेशकुमार जैन, अध्यक्ष - प्राच्य श्रमण भारती, खतौली 2. प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश जैन, अध्यक्ष - अ. भा. दि. जैन शास्त्री परिषद, फिरोजाबाद 3. डॉ. नलिन के. शास्त्री, अध्यक्ष - श्रुत संवर्द्धन संस्थान, समायोजक - महाविद्यालय विकास परिषद, मगध वि. वि., बोधगया (बिहार) 4. डॉ. अनुपम जैन, संयोजक - पुरस्कार योजना, सम्पादक - अर्हत् वचन, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, - म. गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर निर्णायक मंडल ने निम्नांकित पाँच पुरस्कारों के अधीन प्राप्त कुल 123 प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर निम्नवत् 5 पुरस्कारों की घोषणा की है - 1. आचार्य श्री शान्तिसागर छाणी स्मृति श्रुत संवर्दन पुरस्कार-99 (कुल प्रविष्टियाँ 18) जैन आगम साहित्य के पारम्परिक अध्येता. टीकाकार विद्वान को आगमिक ज्ञान के संरक्षण हेतु डॉ. रतनचन्द जैन, आराधना नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, भोपाल - 462 003 आचार्य श्री सूर्यसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 99 (कुल प्रविष्टियाँ 31) प्रवचन निष्णात् विद्वान को जिनवाणी की प्रभावना हेतु पं. शिवचरनलाल जैन, सीताराम मार्केट, मैनपुरी (उ.प्र.) 3. आचार्य श्री विमलसागर (भिण्ड) स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 99 (कुल प्रविष्टियाँ 24) जैन पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु श्री अजितप्रसाद जैन, प्रधान सम्पादक - शोधादर्श, पारस सदन, आर्यनगर, लखनऊ (उ.प्र.) 4. आचार्य श्री सुमतिसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 99 (कुल प्रविष्टियाँ 30) जैन विद्याओं के पारम्परिक अध्ययन/अनुसंधान के क्षेत्र में समग्र योगदान हेतु श्री रामजीत जैन 'एडवोकेट', टकसाल गली, दानाओली, ग्वालियर (म.प्र.) अर्हत् वचन, अक्टूबर 99
SR No.526544
Book TitleArhat Vachan 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year1999
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size5 MB
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