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________________ neaawwwmeiwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwsanaMIRIRAMM AR प्रसुद्धरेन. ०११-२-33 ૧૧૮ મરુધર પ્રાન્તમેં ઘમકે નામપર, स्थान है। गाम पावाके बाहिर चामुंडा माता व खेतला वीर झुंजार आदि के ६ स्थान है। गाम कोशिलाव तालाबके किनारे धार हिंसा.. चामुंडा माता व पहाड पर मोमा आदिके स्थान है। गाम मुडार के बहिर मुंडारा माता का स्थान है। गाम सेवाडी के मरते हुये पशुधन को बचाओ और बचाने में मदद वावडी के पास खेतलावीर का स्थान है। परगना देसूरी गाम करो। किरवा के बाहिर भंडारा माताजी व तालाबके किनारे बिदडा सैकडों पशुओं के भयंकर कल के दिन नजदीक आगये हैं। वीरका स्थान है गाम पीरोंका बिठूडा तालाब के किनारे बिठूडा अहिंसा परमो धर्म के हिमायती जैन व जैनेतर सज्जनों वीर का स्थान है। बिकानेर स्टेटके गाँव देसून् गाम मे करागी माताका स्थान है। ' को घोर निद्रा से जाग्रत हो जाना चाहिये । बिचारे सैकड़ों उपरोक्त गाँवो के सिवाय अन्य छोटे बड़े गामो में भी बकरें, धैटे, भैसे, अदि मूक पशुओं को देवी, भख, मोमा, खेतला. झुंजार आदिके सम्मुख तीक्ष्ण तलवार से कत्ल होते हुओं को माता मामा खेतला जुंजार भैरव आदि के स्थानोंपर अज्ञानी अनपढ मांस लोलुपी मनुष्य धर्मके नाम पर बेचारे निर्दोष बचाकर अभयदान देने का सु अवसर नहीं खोना चाहिये। मूक पशुओंकी कत्ल करते है। इस लिये वे बेचारे निषि श्री जीवदया ज्ञान प्रचारक मंडल. 'पशुओंको अभयदान दिलाने का हर एक अहिंसा प्रेमी का अपने समीप के गामों में जाकर उपदेश द्वारा पशुओं . कर्तव्य है। परम पूज्य मुनि महाराजा बसीवर्य व साविओं की जान बचाने में प्रति वर्ष सफलता प्राप्त करता है। आर समस्त जैन संघ वं सज्जनोंसे प्रार्थना है कि इन दिनों आपको भी चाहिये कि मंडल की सहायता कर हिंसा रोकने व मासों में ऐसे दिनोंमें अभयदान का लाम अवश्य ले। में भाग लीजिये। प्रति वर्ष पशुवध तिथियां नोचे मुजब हैं श्री जीवदया ज्ञान प्रचारक मंडल को ओ सजन आर्थिक सहायता देगें वे उपरोक्त पुण्य कार्यका यश दोनों ही प्राप्त कर सकेंगे माघ शुक्ल २ से ८ तक व सख्त दिवस ९-१०-१२ । अपनी शक्ति के अनुसार सहायता भेजने का अवश्य कृपा १३-१४ चैत्र शुक्ल १ को स्थापना से नव रात्रि से स्कती कीजीये जिस मंडल सदस्य जीवों के प्राण बचाने में पूर्ण दिवस १०-१२-१३-१४ वैशाख शुक्ल २ से ८ तक सख्त सफलता प्राप्त करसके। दिवस ९-१०-१२-१३-१४ अशाड शुक्ल २ से ८ तक सख्त नेगेट ऐसे धोर हिंसा के दिनों में पशुओंका जीव बचाने दिवस ९-१०-१२-१३-१४ भादवा शुक्ल २ से ८ तक सख्त के लिये बध स्थानों पर हमारे मंडल के सदस्य पिकेटिंग करने दिवस ९-१०-12-१३-१४ आश्विन शुकु. १ को स्थापना ८ के लिये व उपदेश के साथ अभयदान दिलानेको जाते है। होमा अष्टमी ९-१० दशहरा से १२-१३-१४ तक कार्तिक सो शिवाधारी दयाप्रेमी मित्र मंडल व स्वयंसेवकों व आदि शुक्ल २ से ८ तक सख्त दिवस ९-१०-१२-१३ १४ इन सज्जनोंसे घोर प्रार्थना है कि मंडल के सदस्य के साथ दिनों में पशुवध बहुत होता है.। अन्य मास व दिनों में सेवा करनेको साथ होतो जरूर पधारिये। नहीं तो अपने उपरोक्त दिनों का अपेक्षा हिंसा कम होती है। . समीप गामों में ऐसे बध स्थानों के पास जाकर अभयदान पशुबध के स्थानों की सूची- . देनेका लाभ अवश्य लीजीये । ___ परगना जालोर ग्राम जालोर के सुन्दरा तालाबके किनारे ." पृश्य मुशाल शाह चामुंडा माता पुगला. आर मामा आदि स्थान है। ग्राम । ઉ. મંત્રી શ્રી જીવદયા મંડળ, ' सियाना के बाहिर खतला जुंजार आदि के स्थान है। गाम ટેશન કરતપુર રોડ, ગુડાબાલોતરા. आहोर के बाहिर चामुंडा माता और कालिका देवी माता मोमा आदिके स्थान है। ग्राम वाटुडा क बाहिर अरटं वाबी व तालावके किनारे माताजी, मोमाजी खेतला वीर गुंजार आदि । વાંદવા પણ નથી આવેલ વહેલો મેડે આવશે ખરો. એજ के स्थान है। ग्राम शंखवाली के बाहिर अरट व पंचके पर धर्म भा गया xxx xxx ++x xxx xxx मोमाजी आसिया तालाबके किनारे धेणाका मो जी वीर आदि ... xxx xxx विगेरे संमानार याने तभन्न xxxने पर के स्थान हैं। ग्राम भादाजनके पहाड़ पर चाधरा माता धुवडा । वाम अने.मोमा आदिके स्थान है। परगना सिवाणागढ ग्राम मोकलसर ... धर्मनाभ वाल.. स्टेशनके नजदीक बोंडा जरणा खेतला वार माताजी व मोमाजी શ્રાવણ સુદ ૭ સેમવાર मोमी अदि के स्थान ह । परगना जसवंतपुरा पर सुन्दा पहाड (1६८८) पर सुन्देस्वरी माता का स्थान है। परगना बाली गाम बिटिया पलीताभ ५ सुप शांतिभा छ भने भान पहाड के पास बिटियाका स्थान है। गाम बालाणा के यहिर Hin पछखेतला वीर व चौधरा माता व मोमा आदि के स्थान है। 'नय- स्थगे ८५ या स्थगे माना नाम गाम कोहरा तालाब के किनारे खेतला बीर व चमुंडा माता छ, यो स्थगे इनाना नाम छ भने साननीया-ये ५३पना आदि स्थान है। गाम केरार के पेचके पास हिंगोली बीर का नाम छ, ते असो १३२ ती ६.२ ४. -तत्री. Printed by Lalji Harsey Lalan at Mahendra Printing Press, Gaya Building Masjid - Bunder Road Bombay, 3 and Published by shivlal Jhaverchand Sanghvi for: ... .. Jain. Yuvak Sangh. at 26-30, Dhanji Street Bombay, 3. -
SR No.525918
Book TitlePrabuddha Jivan - Prabuddha Jain 1933 Year 02 Ank 11 to 45 - Ank 39 40 and 41 is not available
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrakant V Sutariya
PublisherMumbai Jain Yuvak Sangh
Publication Year1933
Total Pages268
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Prabuddha Jivan, & India
File Size30 MB
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