SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 21 SHRUTSAGAR December-2019 गया एवं चारों ओर कोट बनाकर बगीचा लगाया गया। कूप-वापी निर्मित कर जनता के जल भरने की सुविधा प्रस्तुत कर दी। नवाब के किसी चुगलखोर ने कान भर दिये। उसने चढाई करके सब माल लूट लिया तब इनके पट्टधर मुक्तिविजयगणि ने नवाब से मिलकर सन्मानपूर्वक सबको मुक्त करवा दिये। पुस्तक समीक्षा (अनुसंधान पृष्ठ-३३ से) जीव विचार के विषय में श्री यशोविजय संस्कृत पाठशाला महेसाणा, पदार्थ प्रकाश जैसे अनेक प्रकाशन लम्बे समय से उपलब्ध है तथा लम्बे समय से उनका ही प्रधानता से अभ्यास किया जा रहा है तो प्रश्न है फिर इस प्रकाशन की आवश्यकता क्यों हुई? तो इसका उत्तर यह है कि पूर्व के सारे प्रकाशन अपनी-अपनी खासीयत के हिसाब से आज भी उतने ही उपयोगी हैं। इस प्रकाशन की मुख्य खासीयत है इसका चित्र प्रधान होना। सौ शब्द जो काम नहीं कर सकते हैं, वह एक चित्र कर देता है। इस सच्चाई को ध्यान में रखते हुए जीवविचार का सर्वांग संपूर्ण बोध हो इस हेतु से यह चित्र प्रधान संकलन तैयार किया गया है। इस प्रकाशन की विशेषता यह है कि इसके प्रत्येक शब्द, प्रत्येक गाथा के साथ ही प्रत्येक गाथा में विद्यमान तत्त्वों का सरल विवेचन किया गया है, ग्रंथ में स्थित सूचनाएँ लम्बे समय तक मस्तिष्क में याद रहे इस हेतु से उन सूचनाओं से संबंधित चित्र तैयार किए गए हैं तथा चित्र के माध्यम से जीवतत्त्व की विशेषता को समझाया गया है। जिससे यह प्रकाशन बाल जीवों के साथ-साथ जीवतत्त्व को समझने की जिज्ञासा रखने वालों के लिए बहुत उपयोगी हो गया है। इसी विशेषता के कारण यह प्रकाशन जीवविचार संबंधी अन्य प्रकाशनों से विशेष उपयोगी प्रकाशन के रूप में स्थापित हो गया है। पुस्तक की छपाई बहुत सुंदर ढंग से की गई है। आवरण भी कृति के अनुरूप बहुत ही आकर्षक बनाया गया है। श्रीसंघ, विद्वद्वर्ग व जिज्ञास इसी प्रकार के और भी उत्तम प्रकाशनों की प्रतीक्षा में हैं। भविष्य में भी जिनशासन की उन्नति एवं उपयोगी ग्रन्थों के प्रकाशन में इनका अनुपम योगदान प्राप्त होता रहेगा, ऐसी प्रार्थना करते हैं। इन दिनों पूज्यश्री एवं उनका शिष्य परिवार साहित्य जगत को निरन्तर अनेक उच्च दर्जे के सुसंशोधित प्रकाशनों को जिनशासन के चरणों में समर्पित कर अध्येताओं एवं आराधकों के लिए ज्ञानाराधना का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।। आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा परिवार का यह सौभाग्य है कि पूज्य आचार्य श्री योगतिलकसूरिजी महाराज साहब एवं निश्रित अभ्यासरत परिवार ज्ञानमंदिर में संकलित ग्रंथों का सबसे अधिक उपयोग करने वालों में से एक हैं। पूज्यश्री के इस कार्य की सादर अनुमोदना के साथ कोटिशः वंदन । For Private and Personal Use Only
SR No.525353
Book TitleShrutsagar 2019 12 Volume 06 Issue 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy