________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
27
October-2019
SHRUTSAGAR प्राचीन पाण्डुलिपियों की संरक्षण विधि
राहुल आर. त्रिवेदी देश-समाज व संस्कृति की अमूल्य धरोहररूप संसार में कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिनका समय-समय पर संरक्षण न किया जाय तो उन्हें खो देने की नौबत आ जाती है। भौतिक चकाचौंध व सुख पाने की भागदौड़ में हम क्या थे? हम कहाँ थे? हमारी परंपरा क्या थी? हमारी कला क्या थी? और हमारी साहित्य विरासत क्या थी? ऐसी अनेक बातों से हम दिन-प्रतिदिन दूर होते जा रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम अपनी बहुमुल्य सांस्कृतिक धरोहर से हाथ धो बैठेंगे। जी, आप सही सोच रहे है। यहाँ बात हो रही है धर्मशास्त्र, नीति, भाषा, काव्य, संगीत, आयुर्वेद, ज्योतिष, ज्ञान-विज्ञान आदि विविध विषयक ज्ञान-साहित्य की परंपरा को हम तक पहुँचाने वाली सदियों पुरानी पाण्डुलिपियों की, जो संस्कृति के मुख्य आधार हैं। परन्तु समय, सत्ता, ज्ञान का अभाव या समाज की उदासीनता आदि कारणों से आज लुप्तप्राय होती जा रही हैं। यद्यपि इसको लेकर आज कहीं-कहीं जागृति आने लगी है, फिर भी देव-मंदिरों, घरों, ग्रंथालयों आदि में रखी हुई जीर्ण, फफूंदग्रस्त, खंडित, दीमकभक्षित पोथियों को कैसे सुरक्षित रखना, जीव-जंतु, प्राकृतिक आपदा, प्रदूषण के गहरे असर आदि से इन्हें कैसे बचाया जाए? आदि से संबंधित एवं रख-रखाव की योग्य जानकारी के अभाव में आज यह अमूल्य धरोहर नष्ट होती जा रही है।
वर्तमान काल में इन पाण्डुलिपियों का संरक्षण करना एक कठिनतम कार्य है। हमारा फर्ज है कि जिस प्रकार महापुरुषों ने इस धरोहर को हम तक पहुँचाया है, उसे हम भी सुरक्षित रूप में अगली पीढी तक पहुँचाएँ। आज इस हेतु जरुरी तकनीक भी उपलब्ध है, जिसका हम पूरा-पूरा लाभ उठा सकते हैं। बस, जरूरत है जागरूकता लाने की। इस ज्ञान की विरासत को बचाने की पहल अगर अभी न कर पाए तो शायद बहुत देर हो जाएगी। इसी प्रकल्प को लेकर प्राचीन ग्रंथ विरासत के विशाल संग्रह को धरानेवाले आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर ने एक योजना बनाई है कि इस श्रुतसागर पत्रिका के माध्यम से सभी लोगों को इस प्रक्रिया से अवगत करवाया जाए, जिससे वे भी उनके पास रही अमूल्य धरोहररूप पाण्डुलिपियों को सुरक्षा प्रदान करें। वैसे संरक्षण की बात एवं कार्य का स्वरूप तो बहुत बड़ा है फिर भी यथाशक्य मुख्य-मुख्य महत्त्वपूर्ण जानकारियों को देने का यहाँ प्रयास किया जा रहा है।
संस्था की उपलब्धियों और गतिविधियों के विषय में हमारे द्वारा पूर्व में लिखे गए
For Private and Personal Use Only