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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 30 सितम्बर-२०१९ प्रकाशित किया गया है। इस ग्रंथ में ४५ आगमों के विषयों को बहुत ही सन्दर ढंग से विवेचित किया गया है। प्रत्येक आगम परिचय के प्रारम्भ में चित्र दिया गया है, जिसमें उन-उन आगमों में रही हुई विशिष्टताएँ पूर्व में ही समझ में आ जाती हैं। प्रत्येक आगमों के विषयों तथा संबंधित कथाओं का सार भी दिया गया है। इसका प्रकाशन रत्नसागर प्रकाशन निधि, इन्दौर द्वारा वि.सं. २०५८ में किया गया है। अमृतागमम्- विक्रमसेनविजयजी महाराज साहब द्वारा संपादित इस ग्रंथ में आगमों का संक्षिप्त परिचय एवं आगमों की पूजा आदि का संकलन है। हिन्दी भाषा में आगमों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। आगमों के परिमाण एवं विषयों का बहुत ही संक्षेप में वर्णन किया गया है। इसके अध्ययन से आगमों की संक्षिप्त जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसका प्रकाशन पंचदशा ओसवाल संघ, पुणे द्वारा किया गया है। प्रकाशन वर्ष का कोई उल्लेख प्रकाशन में उपलब्ध नहीं है। आगमनी सरगम- श्री हेमचंद्रसागरसूरिजी महाराज साहब द्वारा संपादित इस ग्रंथ में आगम की वाचनाओं, आगमोद्धारक श्री आनन्दसागरसूरिजी द्वारा प्रदत्त वाचनाओं के साथ सभी आगमों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। सभी आगमों से संबंधित अलग-अलग रंगीन चित्र भी दिए गए हैं। चित्रों के माध्यम से भी संबंधित आगम के विषय में बहुत सी बातें स्पष्ट हो जाती हैं। इसका प्रकाशन आगमोद्धारक प्रतिष्ठान, भावनगर द्वारा वि. सं. २०६५ में किया गया है। ऊपर में हमने देखा कि जिनशासन के प्राणरूप आगमों से जन-जन को परिचित कराने की उत्तम भावना से अभिभूत होकर अनेक महापुरुषों ने समय-समय पर विभिन्न विषयों एवं स्वरूप में अनेक ग्रंथों का निर्माण किया, जिससे आज पर्यन्त आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। इसी शृंखला में आचार्य श्री कीर्तियशसूरिजी महाराज साहब द्वारा लिखित आगमनी ओळख का भी नाम उल्लेखनीय रूप से जुड़ रहा है। जैसा कि पुस्तक के नाम से ही पता चलता है कि इस ग्रंथ में वर्तमान में उपलब्ध ४५ आगमों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। सामान्य जनों हेतु बहुपयोगी ग्रंथ है। इस ग्रंथ में सभी आगमों का संक्षिप्त किन्तु सरल व स्पष्ट भाषा में परिचय दिया गया है, जिससे अल्पमति वाले भी लाभान्वित होंगे। प्रत्येक आगम परिचय के अन्त में दिए गए उन-उन आगमों के कुछेक अंश भी परिचय व तत्त्वबोध में सहायक सिद्ध हो रहे हैं.।। पुस्तक की छपाई बहुत सुंदर ढंग से की गई है। आवरण भी कृति के अनुरूप बहुत ही आकर्षक बनाया है। श्रीसंघ, विद्वद्वर्ग व जिज्ञासु इसी प्रकार के और भी उत्तम प्रकाशनों की प्रतीक्षा में हैं। भविष्य में भी जिनशासन की उन्नति एवं इतिहास सर्जन के उपयोगी ग्रन्थों के प्रकाशन में इनका अनुपम योगदान प्राप्त होता रहेगा, ऐसी प्रार्थना करते हैं। पूज्य आचार्यश्री के इस कार्य की सादर अनुमोदना के साथ कोटिशः वंदन । For Private and Personal Use Only
SR No.525350
Book TitleShrutsagar 2019 09 Volume 06 Issue 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size4 MB
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