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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर जुलाई-२०१९ गुजराती माटे देवनागरी लिपिके हिन्दी माटेगुजराती लिपि? __ चुनीलाल वर्धमान शाह गुजरातीने माटे अने गुजरातमां देवनागरी ('बाळबोध, अशास्त्रीय लेखको जेने 'हिंदी' पण कहे छे ते) लिपिनो उपयोग वधारवानी वकीलात घणा कालथी थती आवी छ । अंग्रेजी अमल अने शांति दरमियान प्रजा जागृत थवा लागी अने सुधरेली स्थिति, दुनियाना बनावो विषे वधती माहिती, केळवणी, तेम राम मोहनराय जेवा महापुरुषोए आरंभेली प्रवृत्तिओथी आखा हिन्द माटे प्रजाना हृदयमां अस्मितानो संचार थयो; राजपूत राजपुताणीओ विषेनी नवलो लखाती थइ; अने साथे आपणा खंड जेवडा मोटा देशमांगें कुदरती भाषाबाहुल्ये खूचवा लाग्यु, तेनी साथे साथे आ वकीलातनो पण उदय थयो। कालक्रमे जूना वकीलो शांत पडता गया तो अवनवा आगळ पण आवता गया। आम केटलाक दायकाथी चालतुं आव्यु छ । पण आ हिमायत तो दम वगरनी छे, एम हवे समझावा मांड्यु छ । लिपि जाणवाथी भाषाज्ञान मेळववामां केटलो थोडो फायदो थाय छे तेना दाखला हालतां चालतां नजरे पडे छ । टपालीओ अनेक लिपि जाणे छे; एमांनो कोई एक पण भाषा जाणे छे खरो? ए तो माणस केटलुं भण्यो छे ते तपासिये त्यारे कही शकाय । बे वधारे संगीन दाखला आपुं हिन्दीने ऊर्दु (हिन्दुस्तानी) लिपिमां, ऊर्दुने देवनागरीमां, लखी जुवो। एवा लिपि फेरथी ते ते भाषानी अगम्यतानी मात्रा घटती नथी। वळी आ दाखलामां तो हिन्दी अने ऊर्दु भाषाशास्त्रनी दृष्टिए एक ज भाषा छे, बे जुदी जुदी भाषा पण नथी, तथापि वस्तुस्थिति आ प्रमाणेनी छे । बीजो दाखलो जरा जुदी जातनो लइये। ऊर्दु (के सिंधी) जाणनार फारसी लखाण के चोपडी वांची तो शके, केम के बन्ने भाषानी लिपि एक छे* तेथी ते शुं फारसी भाषाने जाण्या वगर समझी शकशे खरो? अजब जेवी वात छे के आवा परपोटाने पण दि. ब. कृष्णलाल झवेरी जेवा व्यवहाररीढा नर संगीन गोळो होय एम वळगी पडे छ। लिपिओ घडाइ अने फेलाई मुद्रणकळानी शोध पहेलां घणा सैका उपर । एटले मुद्रणनी नजरे लिपिमां गुणदोष देखाय तेटला उपरथी तुलना करवी योग्य नथी। * फारसी लिपि+थोडां नवां चिह्न = ऊर्द लिपि; ऊर्द लिपि+थोडां नवां चिह्न-सिंधी लिपि. सिंधी भाषा आधुनिक काळमां देवनागरी लिपिए लखावा मांडी छे, ते पहेलां ऊर्दु लिपिमा लखाती शीखाती. X जुवो एमणे श्रीसयाजी गुजराती व्याख्यान माळामां ता. ३-३-३४ सांझे करेलुं व्याख्यान. For Private and Personal Use Only
SR No.525348
Book TitleShrutsagar 2019 07 Volume 06 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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