SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 श्रुतसागर जुलाई-२०१९ प्रतापविजयकृत १९ दोष काउसग्ग सज्झाय साध्वी काव्यनिधि प्रस्तावना जैन साधनानुं लक्ष्य मुक्ति छ। मुक्तिनो अर्थ बंधन अने पराधीनताथी छुटकारो मेळववो छ । राग-द्वेष बंधन छे, राग-द्वेषथी परालंबन थाय छे अने परालंबनथी राग-द्वेष पुष्ट थाय छे । परालंबन के पराश्रय ए ज परिग्रह छ । परिग्रह पराधीनताने पुष्ट करे छे। राग-द्वेष अने परालंबन- साधनामां क्यांय पण स्थान होतुं नथी। राग, द्वेष, परालंबन, पराश्रय, पराधीनता अने परिग्रहथी मुक्त थवानी साधना एटले कायोत्सर्ग साधना। कायोत्सर्ग ए जिनसेवित अने जिनोपदिष्ट आगवी साधना पद्धति छ। मन, वचन, शरीररूपी कायानो त्याग करी मात्र आत्मामांज स्थिर थवानी प्रक्रियाने कायोत्सर्ग कहेवामां आवे छे। भगवान महावीर दीक्षा अंगीकार कर्या पछी साडा बार वर्ष आहार अने ऊंघ लेवा प्रत्ये उदासीन रही एकांत अने निर्जन स्थानोमां अप्रमत्तपणे काउसग्ग ध्याने रह्या। आवी श्रेष्ठ कायोत्सर्ग साधना पण जो दोषयुक्त करवामां आवे तो संपूर्णपणे पोतानुं कार्य करवामां सफळ थती नथी। जेम उत्तम रसायण बनावतां तेमां एकाद द्रव्य ओछु नंखाई जाय के एकना बदले बीजु भळतुं द्रव्य मेळवाई जाय तो ते रसायण धार्यु काम करतुं नथी, तेम घणीवार आशातनादिथी भरपूर करेली दोषयुक्त क्रिया निष्फळ जाय छ । प्रस्तुत कृतिमां कर्ताए कायोत्सर्गना १९ दोषोनुं वर्णन करेल छ। कृति परिचय प्रस्तुत कृति मुनि श्री प्रतापविजयजी द्वारा मारुगुर्जर भाषामां १३ गाथाओमां रचायेली छे । आ कृतिमां काउसग्गना १९ दोषोनुं वर्णन करवामां आवेल छ । कर्ताए प्रथम गाथामां प्रणमी वीर जिनेसर देव' कहीने परमात्मा वीरनुं मंगल स्मरण कर्यु छ । त्यारपछी काउसग्गना १९ दोषोनुं वर्णन कर्यु छे जे नीचे प्रमाणे छे १. घोटक दोष- घोटक एटले अश्व. अश्वनी जेम बे पग (वांका, ऊंचा के नीचा) राखीने कायोत्सर्ग करे ते। २. लता दोष- लता एटले वेलडी. उग्र पवनना संगथी जेम वेलडी हाले तेम कायोत्सर्गमां शरीर हाले। For Private and Personal Use Only
SR No.525348
Book TitleShrutsagar 2019 07 Volume 06 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy