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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 32 अप्रैल-२०१९ पुस्तक समीक्षा रामप्रकाश झा मूल्य पुस्तक नाम श्री दानप्रकाश सभाषान्तर सम्पादक पंन्यास श्री सम्यग्दर्शनविजय गणि प्रकाशक स्मृतिमन्दिर प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद कुल पृष्ठ ८+१२२+१० १००/भाषा संस्कृत+गुजराती धर्म के चार प्रकार बतलाए गए हैं - दान, शील, तप और भाव । इनमें सबसे प्रथम स्थान दान को दिया गया है । धन-सम्पत्ति, रुपये-पैसे, जमीन-जायदाद अथवा पशु-सम्पदा, जिनके ऊपर स्वयं का अधिकार हो, ऐसी वस्तुएँ किसी भी जरूरतमंद को निःशुल्क रूप से, अनुकम्पा भाव से देना, उसे दान कहा जाता है । आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का संग्रह परिग्रह कहलाता है । इसे सर्व पापों का मूल कहा जाता है । इस पाप से बचने के लिए संग्रह की गई वस्तुओं का दान किया जाना चाहिए । धन-सम्पत्ति को विष कहा जाता है, परन्तु यदि इस विष को अमृत बनाना हो तो दान के द्वारा यह सम्भव है । श्री कनककुशल गणिकृत दानप्रकाश ग्रन्थ में सुन्दर दृष्टान्तों के द्वारा दानधर्म का अलौकिक वर्णन किया गया है । संस्कृत भाषा में रचित तथा कुल आठ प्रकाशों में व ६८० श्लोकों में दान के कुल सात प्रकारों का विस्तृत वर्णन करते हुए प्रत्येक को अलगअलग दृष्टान्तों के साथ समझाने का प्रयत्न किया गया है । दान के सात प्रकारों में सर्वप्रथम वसतिदान, दूसरा शय्यादान, तीसरा आसनदान, चौथा अन्नदान, पाँचवाँ जलदान, छठा औषधदान, सातवाँ वस्त्रदान और आठवाँ पात्रदान का वर्णन संक्षेप में किया गया है । ___ग्रन्थ के प्रारम्भ में मात्र मूल संस्कृत पाठ दिया गया है और बाद में मूल कृति का गुजराती में भाषान्तर दिया गया है । प्रथम प्रकाश में वसति दान के ऊपर मन्त्रियों में श्रेष्ठ कुरुचन्द्र का कथानक कहा गया है । इस कथानक के अनुसार मुनि को वसतिदान देना श्रावक का कर्तव्य है । द्वितीय प्रकाश में शय्यादान के ऊपर पद्माकर की कथा कही गई है । जिस प्रकार पद्माकर ने समता को धारण करनेवाले साधुओं को शय्यादान दिया, उसी प्रकार बुद्धिमान पुरुषों को साधुओं को शय्यादान देना चाहिए । तृतीय प्रकाश में आसनदान के ऊपर करिराज की कथा का वर्णन किया गया है । पूर्वभव में साधु को श्रेष्ठ For Private and Personal Use Only
SR No.525345
Book TitleShrutsagar 2019 04 Volume 05 Issue 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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