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SHRUTSAGAR
April-2019 अन्य ज्ञानभंडारों की हस्तप्रतों का सूचीकरण
आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में कुल ३४ ज्ञानभंडारों में संगृहीत १,०५,३७८ हस्तप्रतों के २७ लाख से अधिक पृष्ठों का स्केन कराकर उनका पीडीएफ उपलब्ध कराया है। इस विशेष कार्य में शेठ श्री आणंदजी कल्याणजी पेढी एवं श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट का बहुमूल्य योगदान रहा है।
आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर की शहरशाखा अहमदाबाद के पालडी विस्तार में वर्ष २०१६ से अन्य ज्ञानभंडारों की हस्तप्रतों के सूचीकरण का कार्य चालू कराया गया है। इस सूचीकरण कार्य में स्थानीय जैन-श्राविकाओं को जोड़ा गया है, जो अपने दैनिक जीवन में से प्रतिदिन कुछ समय निकालकर श्रुतसेवा के इस पवित्र कार्य में अपना योगदान दे रही हैं । इन्हें विशेषज्ञ विद्वानों के द्वारा सूचीकरण की पद्धति, प्राकृतभाषा वर्ग, प्राचीन लिपि की जानकारी तथा प्रूफरीडिंग की ट्रेनिंग दी गई है। इन वर्गों में अहमदाबाद शहर के अन्य जिज्ञासु लोगों ने भी भाग लिया था। सूचीकरण के इस कार्य में १४ से १५ श्राविकाएँ कार्यरत हैं, इनमें कुछ सेवाभावी श्रुतभक्त निःशुल्क सहयोग दे रही हैं। ___इस सूचीकरण कार्य के अन्तर्गत अब तक तीन भंडारों की हस्तप्रतों की सूचनाएँ भरने का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा अन्य भंडारों का कार्य प्रगति पर है। आशा है कि सूचीकरण का यह कार्य पूर्ण होने पर ये सूचनाएँ वाचकों तथा विद्वानों के संशोधनसंपादन कार्य में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
(क्रमशः)
नवपदमहिमा स्तुति अरिहंत सिद्ध आचार्ज पाठिक, साधुम्हा गुणवंता जी, दरसण ज्ञान चारित्र तप उतम, नवपद जग जयवंता जी । एहनुं ध्यान धरंतां लहियै, अविचल पद अविन्यास जी, ते सगला जिननायक नमियें, जिन ए नीत प्रकासी जी ॥१॥
हस्तप्रत क्र. ५११८९
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