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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 18 दिसम्बर-२०१८ मौनम् परमौषधम् एक घर में सास-बहु का विवाद हररोज होता था, बहु के द्वारा एक महात्मा से प्रार्थना करने पर महात्मा ने उसे अभिमंत्रित जल दिया और कहा कि जब भी जगड़ा हो तब मुँह में रख लेना, सब ठीक हो जाएगा। जल को वह बोतल में भरकर रखती थी, जगड़ा होने पर मुह में रख लेती थी। ऐसा करते-करते हररोज की शांति हो गई। यहाँ चमत्कार अभिमंत्रित के नाम से दिये गये सादे जल का नहीं बल्कि मौन का है। इस प्रकार मौन इहलोक में भी हितकारी है । बाह्याभ्यन्तर बिमारियों में परम औषधरूप है। वर्ष का सब से बड़ा दिन मौन एकादशी जैनदर्शन में मृगशीर्ष शुक्ला एकादशी का दिन मौन पूर्वक आराधना के कारण मौन एकादशी के रूप में प्रसिद्ध है। श्रीकृष्ण द्वारा २२वें तीर्थकर श्रीनेमिनाथजी को पूछे जाने पर प्रभु ने सम्पूर्ण वर्ष में सबसे बड़े व महत्वपूर्ण दिन के रूप में इसी दिन का प्रतिपादन किया था। विविध क्षेत्रों को मिलाकर कुल १५० जिनकल्याणकों का संबंध होने के कारण इस दिन की महत्ता बढ़ जाती है। इस दिन उपवास करने से १५० उपवास का फल प्राप्त होता है। इस विषय में कईं महापुरुषों ने अनेक कृतियों की रचनाएँ की हैं। उनमें से ही एक महत्वपूर्ण एवं प्रायः अप्रकाशित कृति का यहाँ प्रकाशन किया जा रहा है। __ प्रथम ढाल की प्रथम गाथा के बाद की आंकणी को दिया गया गाथांक २' हमने नहीं लिया है, क्योंकि उसके बाद की गाथा में प्रतिलेखक द्वारा पुनः गाथांक २' देने से आंकणी का गाथांक क्षति से दिया जाना संभव है। प्रस्तुत कृति में उल्लिखित तीर्थंकर नामों को Bold किया गया है तथा अशुद्ध पाठ का शुद्ध पाठ कोष्ठक में दिया गया है। कृति परिचय: कृति के प्रारंभ में मंगलाचरण के रूप में कर्ता द्वारा माता शारदा एवं सद्गुरु का स्मरण किया गया है। मारुगुर्जर भाषा में लिखी गई इस पद्यबद्ध कृति में ६ ढाल एवं कलश दिया गया है। कृति का गाथा प्रमाण ४७ है। प्रस्तुत कृति में ढाईद्वीप के तीनों चौबीसियों के १५० जिनकल्याणकों के साथ ही मृगशीर्ष शुक्ला एकादशी की महिमा का गुणगान किया गया है । प्रस्तुत कृति में १५० जिनेश्वरों के नामोल्लेख के साथ कर्ता की जाप विधि दर्शाने For Private and Personal Use Only
SR No.525341
Book TitleShrutsagar 2018 12 Volume 05 Issue 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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