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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR July-2018 काव्यनी नोंध मुजब कवि विनयसूरिजी ए सुमतिसूरिना शिष्य छे। जैन परंपरानो इतिहासमां तेमज शिलालेख-ग्रंथलेखनपुष्पिका के रचनाप्रशस्ति उपरथी तेमनी परंपरा आ रीते जोडाती जणाय छे. लोकाशाह-भूताजी-वीजाजी (विजयमत(गच्छ) ना स्थापक)-धर्मदासजीखेमसागरजी-पद्मसागरजी-गुणसागरजी-कल्याणसागरजी-सुमतिसागरजीविनयसागरजी। ___अहीं प्रश्न थशे के कृतिमां न उल्लेखायेल गच्छादिनी माहिती वगर कविने शी रीते आपणे विजयगच्छमां जोडीए छीए? तो तेनो जवाब आ प्रमाणे जाणवो। (१) कृतिमां कविना गुरु तरीके उल्लेखित सुमतिसूरिनुं नाम अन्य ग्रंथोमां तेमज शिलालेखादि सामग्रीमां सुमतिसागरसूरि के सुमतिसूरि एवा नामे विजयगच्छनी परंपरामां विनयसूरि के विनयसागरसूरिना गुरु तरीके जोडायेलुं जोवा मळे छे. ते ज रीते अन्य ग्रंथोमां विनयसूरिनुं नाम सुमतिसूरि साथे जोडायेलुं छे। (२) विजयगच्छनी परंपरामां थयेला कवि कल्याणसागर, कवि गुणसागर जेवा कविओए पोताना ग्रंथनी रचनाप्रशस्तिओमां गुरुपरंपरानुं आलेखन करता क्यांक खेमसागरजीने खेमसूरि कह्या छे, तो क्यांक खेमसागरजी, तेवी ज रीते पद्मसागर, गुणसागर जेवा नामोमां पण पद्मसूरि के गुणसूरि एवा नामो लखायेला जोवा मळे छ । कदाच आवी ज तेमनी प्रणालिका रही हशे। उपरोक्त कारणथी आपणा कविए पण पोतानी कृतिमां स्पष्ट नामोल्लेख न करता सुमतिसागरसूरिने बदले सुमतिसूरि अने विनयसागरसूरिने बदले विनयसूरि कर्यु होय तेवी संभावना दृढ थाय छे। आ गच्छना अन्य विद्वानो द्वारा लखायेली ग्रंथपुष्पिकाओमां पण आज रीते 'सागर' शब्द विहीन नामवाळी परंपरा जोवा मळे छ। (३) विजयगच्छना आचार्य सुमतिसागरसूरिना शिष्य आचार्य विनयसागरसूरिजीए सं.१७३२मां केसरीया आदिनाथ प्रभुनी प्रतिष्ठा करी हती तेवो शिलालेख मळे छ । हवे जो आपणा कर्त्ता पोते 'विनयसूरि' एवा नामने बदले विनयसागरसूरि एवा नामथी पोताने प्रशस्तिमा ओळखावता होय तो ते क्षेत्रमा ज विचरतां तेओ प्रतिष्ठा पछीना तुरंतना वर्षमा एटले के सं. १७३३ मां अहिं फरी यात्राए पधार्या होय तेवू शक्य बने, अने ते ज प्रसंगे तेमणे आ कृतिनी रचना करी होय तेवू विचारी शकाय। For Private and Personal Use Only
SR No.525336
Book TitleShrutsagar 2018 07 Volume 05 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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