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श्रुतसागर
अप्रैल-२०१७ निमित्त पामीने प्रभुनां हृदय गुणो स्मरण करवानो भाव प्रगट थाय छे. छद्मस्थावस्थामां श्रीप्रभुनां हृदयमां जेवी वैराग्य दशा हती, तेवी प्राप्त करवाने माटे प्रभुनी प्रार्थना करवी. छद्मस्थावस्थामां मैत्री, प्रमोद, माध्यस्थ अने कारूण्य ए चार भावना श्रीप्रभुनां हृदयमां प्रगटी हती, तेवी चार भावनाओ पोतानां हृदयमां प्रगटाववाने माटे प्रभुनु हृदय पूजती वखते दृढ संकल्प करवो. छद्मस्थावस्थामां प्रभुनां हृदयमां जेवो शुद्ध प्रेम हतो, तेवो प्रेम धारण करवा माटे हे प्रभो! हुं तमारां हृदयर्नु अनुकरण करुं छं. हे प्रभो! तमोए सर्व जीवोने शासन रसी बनाववानी भावना हृदयमां भावी हती, तेवी भावना हे प्रभो ! हुं तमारं हृदय पूजीने भावु छु. हे प्रभो! छद्मस्थावस्थामां तमारां हृदयमां जेवी दया हती तेवी दयाने धारण करवा माटे हुं तमारां हृदयने पूजु छु. हे प्रभो! तमारां हृदयनी गंभीरता प्राप्त करवा माटे हुं तमारां हृदयने पू© छु. हे प्रभो! तमारां जेवी निःसंग अवस्था प्राप्त करवा माटे हुं तमारां हृदयने पूजु छु. हे प्रभो! तमारां हृदयनी सरलता प्राप्त करवाने माटे हुं तमारां हृदयने पूजु छु. हे प्रभो तमोए दीक्षा अंगीकार करीने हृदयमां निर्ग्रन्थ दशानां गुणो प्रगटाव्यां तेवा गुणो मारां हृदयमां प्रगटाववाने हुं तमारां हृदयने पूजु छु. हे प्रभो! आपनां हृदयमां केवळज्ञान रूप सूर्य प्रगट्यो तेवो मारां हृदयमां केवळज्ञान रूप सूर्य प्रगटाववाने हुं आपनां हृदयनी पूजा करुं छु.
प्रभुनां हृदयनी पूजा करती वखते प्रभुनां हृदयनी साथे पोतानां हृदय- ऐक्य करवा भावना राखवी. प्रभुनां हृदयने अनेक गुणोनु मन्दिर मानीने तेमां प्रवेश करीने प्रत्येक गुणनुं अत्यंत प्रेमथी स्मरण करवू अने प्रत्येक गुण पोतानां हृदयमां प्रगटे एवो दृढ संकल्प करवो. प्रभुनु हृदय पूजतां मारुं हृदय शुद्ध थाय छे, एवी भावना भाववी. प्रभुनां हृदयमां पोतानुं मन जोडीने तल्लीन बनी जवू. मारां हृदयनी शुद्धि करवा माटे ज प्रभुनां हृदयनुं आलंबन खास मारे करवू जोइए. प्रभुनां हृदयनुं ध्यान धरतां प्रभुनां हृदयने पूजतां मारुं हृदय पण अभ्यास बळे अन्ते एवं थशे एवो दृढ विश्वास धारण करवो. प्रभुनां हृदयनां गुणो स्मरतां, गावतां मारां हृदयमां गुणो प्रगट थवाना ज. कारण के ध्येय जेवू हृदय बनी जाय छे. हे प्रभो! तमोए अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, परिग्रह, त्यागी आदि गुणोने हृदयमां धारण करीने परमात्म दशा प्राप्त करी तेवा गुणो प्राप्त करवाने मन, वचन अने कायानां योगथी हं प्रयत्न करवा दृढ संकल्प करुं छु अने आप- हृदय पूजीने हुं आपनां जेवां गुणो धारण करवा आजथी प्रयत्न करीश.
हे प्रभो! आपनी नाभि पूजीने आपणी नाभिनां गुणो लेवा आजथी प्रयत्न करीश.
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