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mpöthday:: बंधुविहत्तवसुमई,
सोहसि पसाहिअंसो,
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] ॥११॥
धीर पडिवन्नो ॥११॥
जह तं तह को अन्नो, निअमधुरं tut_utty'*_ +€J+'IC JA£ t
जाहिं ।
उवसामिआ
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कज्जलकसिणाहिं जयगुरु
अवगूढविसज्जिअरायलच्छिबाहच्छडाहिं
It वच्छरमच्छिन्नदिन्नधणनिवाहो ।
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अभणंत च्चिअ कज्जं,
४° 6' kb:J"F मुणिणो वि तुहल्लीणा,
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अणज्जा, देसेसु तए
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व
पवन्नमोणेणं ।
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नमिविनमी
तह
भद्दं से सेअंसस्स, जेण तवसोसिओ BEAK 1861 YLI
वरिसंते
निव्वविओ, मेहेण
ICC AEE ॥१३॥
परस्स साहंति
सप्पुरिसा
॥१३॥
April 2017
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गुरुआणा चलणसेवा, न निष्फला होइ कइआ
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॥१२॥
॥१२॥
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खेअराहिवा जाया ।
४ ॥ १४॥
वि ॥१४॥
निराहारो । BIRY K॥१५॥ व वणदुमो तं सि ॥१५॥ (वधु आवतां अंके...)