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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR ___September-2016 च्यारिसइं साढ(र्ध) धनुष तनू ए नरेसुअडा, गज लंछन हेम वानि(न?) । महजख अजिता ओलगइ ए नरेसुअडा, जक्ख जक्खिणि बहु मानि(न?) ॥२१॥ ॥ पंचम भाषा॥ जिनवरि गणहर थापीआ ए माल्हंतडे, पंचाणू परिमाण । मा0 सुणि सुंदरे पंचा0२ । ग लख सइं हथि दीक्खीआ ए माल्हंतडे, मुणिवर गुणह निहाण सुणि सुंदरे ॥२२॥ त्रिणि लाखनइ सहस त्रीस माल्हंतडे, साहुणी गुणह भंडार सुणि सुंदरे। सहस अठाणूं लाख दुन्न माल्हंतडे, श्रावक समकित-सार सुणि सुंदरे ॥२३॥ पंच लाख पंचितालीस सहस माल्हंतडे,...सावीअ विद्ध सुणि सुंदरे। देवि दानवि चालीई ए माल्हंतडे, ए सवि दृढ समकित सुणि सुंदरे ॥२४॥ समेतसिहरि मुणि सहससिउं ए माल्हंतडे, अणसण मासखमाणु सुनि सुंदरे। पूरव बहुतरि लाख आउ माल्हंतडे, चैत्र सुदि पंचमि निरवाणु सुणि सुंदरे ॥२५॥ ॥ भाषा-६॥ धनपुरू ए तिहूअणनाहिं, माहि नयर सोहग लहइ ए, अइआ माहि नयर सोहग लहइ ए। जहिं प्रभु ए करइ निवास, आस पूरइ सेवक तणी ए, अईआ आस पूरइ सेवक तणी ए ॥२६॥ चंदन ए घन घनसार, फारक फूल पूजा करी ए अईआ फारक... ढोईइए फल पकवान, ध्यानि करी जिण इम थुणइ ए अईआ ध्यानि।।२७।। धन धनए तेहजि हत्थ, जे जिणवर पूजा करइ ए अईआ जे... फलवंत ए तेहजि अत्थ, जे जिणपूजई उवगरइ ए अईआ जे...॥२८॥ मूरती ए पेखवि नाह, हिअडलइ हरिखिहं (गह) गह्यां ए अईआ हिअडलइं .....................॥२९॥ कवि कहइं जिनवर एइ, बोलई चीलई कां नहिअ अइआ बोलइ... दसई ए सवि हुपकारि, परमेसर एह जि सहीअ अईआ परमेसर ॥३०॥ वंकटू परकट सामी नामि विकट संकट रांक टलई ए अईआ विकट.... कलिजुगी ए एकलवीर, कीरतिपूरति झलहलई ए अईआ कीरति ॥३१॥ For Private and Personal Use Only
SR No.525314
Book TitleShrutsagar 2016 09 Volume 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2016
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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