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अप्रैल-२०१६
धन धन श्रीसंघ...
धन धन श्रीसंघ...
श्रुतसागर
जीवण देवा जीवण मालजी हुं वारी लाल, लखु वजा बहु भक्ति रे हुं वारी लाल। वीरचंद वजा अति आदरें हुं वारी लाल, द्रव्य खरचे स्वसक्ति रे हुंवारी लाल ॥४॥ मंगल अमरचंद अति भला हुं वारी लाल, भीखा गलाल उछरंग रे हुं वारी लाल। निहाल लखुजीवण रूपजी हुं वारी लाल, मुरारजी मालजी उछरंग रे हुं वारी लाल ॥५॥ भाईचंद मना भाईचंद वाधजी हं वारी लाल, काहानदास नाथा जेह रे हुंवारी लाल। बोघा थाना कल्याण हीरजी हं वारी लाल, नहीं कुसंगनी रेह रे हुं वारी लाल ॥६॥ कल्याण हीरजी जांणीये हुंवारी लाल, सहसकिरण वीठल अमरचंद रे हुंवारी लाल। मीठा दी (?) भग लुसो भाना यापा हुं वारी लाल, रतनरामजी आनंद रे हुं वारी लाल ॥७॥ छीता वसनजी बहु भक्तिस्यु (हुंवारी लाल), गुरु-सेवाए लयलीन रे हुं वारी लाल । द्रव्य खरचे उलटपणे हुं वारी लाल, बुद्धिमाहें प्रधान रे हुं वारी लाल ॥८॥ इत्यादिक संघ भेलो थई हुं वारी लाल, करता ओछव सार रे हुंवारी लाल। परभावना करेता भली हुं वारी लाल, वाजिंत्र विविध प्रकार रे हुं वारी लाल ॥९॥
धन धन श्रीसंघ...
धन धन श्रीसंघ...
धन धन श्रीसंघ...
धन धन श्रीसंघ...
1.प्रभावना
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