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संपादकीय
डॉ. उत्तमसिंह प्रभु महावीर का निर्वाण-कल्याणक श्री दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ श्रुतसागर का यह नूतन अंक आपके करकमलों में सादर समर्पित है। अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जानेवाले इस पावन पर्व पर हर्षोल्लासपूर्वक ज्ञानरूपी दीप जलाकर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करें व श्रुतपूजा का लाभ लें, ऐसी भावना के साथ इस अंक में प्रकाशित सामग्री का संकलन करने का प्रयास किया है। यहाँ गुरुवाणी शीर्षक के तहत आचार्यदेव श्री बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म.सा. द्वारा लिखित 'विचारी लो तमे केवा' नामक औपदेशिक पद्य प्रकाशित किया जा रहा है, जो हमें आत्मविवेकी बनने की प्रेरणा देता है। हम सुधरेंगे जग सुधरेगा' सूक्ति यहाँ चरितार्थ प्रतीत होती है और यही 'असतो मा सद गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय' है। द्वितीय लेख राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. के प्रवचनांशों की पुस्तक 'Beyond Doubt' से क्रमबद्ध श्रेणी के तहत संकलित किया गया है। ___ अप्रकाशित कृति प्रकाशन के तहत प्रस्तुत अंक में श्री अमृतविजयकृत 'श्रीमहावीर स्वामीनो सलोको' नामक प्राचीन कृति प्रकाशित की जा रही है जो मारुंगुर्जर भाषा में निबद्ध है । १८वीं शताब्दी में रचित इस पद्यबद्ध कृति का संपादन 'जैन ग्रन्थागार-मोरबी' गुजरात से प्राप्त प्राचीन देवनागरी लिपिबद्ध हस्तप्रत के आधार पर प.पू. मुनिश्री प्रियंकरप्रभविजयजी म.सा. ने किया है।
इसके साथ ही ज्ञानपञ्चमी पर्व के उपलक्ष्य में श्रुत आराधनार्थ 'शारदाष्टक प्रकाशित किया जा रहा है जिसकी रचना आचार्य श्री कैलाससागरसरि ज्ञानमंदिर, कोबा में कार्यरत शारदा उपासक पं.श्री मञ्जुनाथ भट्टजी ने की है।
'आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में सूचना शोधपद्धति एक परिचय' लेख के तहत हमारे इस ग्रन्थागार में विद्यमान शोधसामग्री वाचकों के लिए कम से कम समय में उपलब्ध कराने हेतु प्रयुक्त संगणकीय प्रक्रिया का परिचय दिया गया है। जिसके माध्यम से हम अपने वाचकों को आवश्यक सामग्री यथाशीघ्र उपलब्ध करा पाते हैं। आशा है कि वाचक गण संस्था में उपलब्ध सूचनाओं के महासागर में से अपेक्षित सूचनाएँ सटीक रूप से किस-किस प्रकार से प्राप्त की जा सकती हैं इससे अवगत हो कर उसका फायदा उठा पाएँगे। यह लेख आगामी अंकों में भी एक श्रेणी के तहत क्रमबद्ध प्रकाशित किया जायेगा। ___ आशा है इस अंक में संकलित सामग्री द्वारा हमारे वाचक लाभान्वित होंगे व अपने महत्त्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराने की कृपा करेंगे।
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