SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR भव १७ देव १९ स्थळ महाशुक्र देवलोक १८ त्रिपृष्ठ वासुदेव पोतनपुरनगर २० सिंह २१ २२ नाम २३ नरक (७मी नरक) नरक विमलराजा नरभव प्रियमित्र चक्रवर्ती २४ देव २५ नंदनराजकुमार २६ देव २७ परमात्मा महावीर www.kobatirth.org अप्रतिष्ठान नरक | ४थी नरक स्थानपुर नगर 25 महाविदेह क्षेत्रमां मूका राजधानी शुक्रदेवलोक छत्रिकानगरी प्राणतकल्पमां क्षत्रियकुंड + आयुष्य १७ सागरोपम उत्कृष्ट स्थिति ८४ लाख वर्ष ३३ सागरोपम १७ सागरोपम १ क्रोड वर्ष ८४ लाख पूर्वधर १७ सागरोपम २५ लाख वर्ष २० सागरोपम ७२ वर्ष For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir November-2015 विशेषता गाढ कोपथी दुःखना विपाकरूप निबिड | वेदनीय कर्म बांध्. हाथीओने विदारतो क्रूर सिंह थयो. क्षयोपशम भावना योगे छट्ट-अट्टम तप क. पोटीलाचार्य पासे दीक्षा. तीर्थंकर नामकर्मनुं उपार्जन वीशस्थानक तप, सविजीव करू शासनरसीनी भावना. पुष्पोत्तर विमान | सिद्धशीला पर बीराजमान
SR No.525304
Book TitleShrutsagar 2015 11 Volume 01 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy