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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हैम कृतिओमां हारिभद्रीय उल्लेखो अने अवतरणो हीरालाल र. कापडिया 'कलिकालसर्वज्ञ हेमचंद्रसूरिनी पूर्वे जे समर्थ जैन ग्रंथकारो थया छे तेमां हरिभद्रसूरिनुं स्थान जेवू तेवु नथी. आ हरिभद्रसूरिए विपुल अने विविध साहित्यनुं सर्जन कर्यु छे अने केटलीक बाबतो परत्वे तो एमणे नवो चीलो स्पष्टपणे जणाई आवे एवो पाड्यो छे आने लईने एमना पछी थयेला गवेषको अने मुनिवरोए एमनी पुष्कळ प्रशंसा करी छे अने एमनी कृतिओनो यथेष्ट लाभ उठाव्यो छे. एमां न्यायचार्य' यशोविजय गणितुं नाम तो सुप्रसिद्ध छे. एमने लघु हरिभद्र' कहेवामां आवे छे. गुजरातने ज्ञाननी विविध शाळाना अभ्यास माटे पगभर बनाववानी तीव्र अभिलाषा सेवनार अने एने सक्रिय बनावनार हेमचन्द्रसरिए केवळ जैनोनाज कामनी कतिओ न रचतां जात-जातनी सार्वजनीन कृतिओ पण रची छे. आने लईने एमनी कृतिओमां हरिभद्रसूरिनो नामनिर्देश एमनी कृतिनो उल्लेख तेमज ए कृतिओमाथी अवतरणो मळी आवे एवी सहेजे आशा रखाय, परंतु समय अने साधन अनुसार आ बाबत अंगेजे तपास हुं करी शक्यो छु ते तो आशाने जाणे ऊगती ज करमावी देती होय एम लागे छे. आथी करीने विशेषज्ञो आ संबंधमा पोतानां मंतव्यो सप्रमाण रजू करे एवा इरादाथी हुं आ लेख लखवा प्रवृत्त थयो छु. ___ अत्यार सुधीमां तो मने एके हैम कृतिमा हरिभद्रसूरिनुं नाम जोवा जाणवा मळ्यु नथी. अलबत्त, मैं प्रत्येक कृतिना पाने-पानां तपास्यां नथी. हरिभद्रसूरिए व्याकरण, कोश, छंद अने अलंकारने अंगे कोई कृति रची होय एम जणातुं नथी. हेमचन्द्रसूरिए तो आ चारे विषयोनुं मननीय निरूपण कर्यु छे. एमणे काव्यानुशासननी अलंकार चूडामणि अने विवेकविवरण सहित रचना करी छे. आ काव्यानुशासन (अ.८, सू. ८) मा जातजातनी कथा समजाववानो प्रसंग उपस्थित थतां अलंकार चूडामणि, (पृ. ४६५) मा एमणे नीचे मुजब उल्लेख कर्यो छे - “समस्तफलान्तेतिवृत्तवर्णना समरादित्यादिवत् सकलकथा" विवेकविवरण (पृ. ४६५*)मां आने अंगे नीचे पंक्ति छे - “सकलकंथेति चरितमित्यर्थः” आम आ बने स्थळोमाथी एके स्थळमां समरादित्यना चरित्रथी शु समजq तेनो हेमचंद्रसूरिए निर्देश कर्यो नथी, परंतु विद्वानोनु मानवु छे के आ चरित्र ते *श्रीमहावीर जैन विद्यालय द्वारा प्रकाशित काव्यानुशासन भाग-प्रथम For Private and Personal Use Only
SR No.525302
Book TitleShrutsagar 2015 09 Volume 01 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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