SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शारदा लिपि: एक अध्ययन डॉ. उत्तमसिंह शारदा लिपि हिन्दुस्तान की पुरातन लिपियों में से एक है। इसका उद्भव लगभग छठी शताब्दी के उत्तरार्ध से आठवीं सदी के अन्तराल में गुप्तकालीन उत्तरी ब्राह्मी तथा कुटिल लिपियों से हुआ है। इस लिपि का चलन मुख्यतः अफगानिस्तान, गान्धार, पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी भाग, लद्दाख, जम्मु-काश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं दिल्ली के क्षेत्रों में रहा है। इन सभी प्रदेशों से प्राप्त शारदा लिपिबद्ध शिलालेख एवं विविध ग्रन्थों की पाण्डुलिपियाँ इसके प्रमुख साक्ष्य हैं। इनमें से ही शारदा लिपिबद्ध एक पुरातन लेख सराहाँ की प्रशस्ति है। जिसकी लिपि लगभग नौवीं शताब्दी के आस-पास की है। मार्तण्ड का शिलालेख भी अति विस्तृत और प्राचीनतम है। यह लेख महाराजा अवन्तिवर्मा के शासनकाल का है जो लगभग आठवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लिखा गया है। इसकी लिपि अत्यन्त सुन्दर और पूर्ण विकसित लिपि है। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पठन-पाठन में शारदा लिपि का चलन बहुत पहले ही प्रारम्भ हो चुका होगा। इस लिपि का प्रयोग तत्कालीन मुद्राओं में भी खूब हुआ है। काश्मीर के संग्रहालय में शारदा लिपिबद्ध राजकीय प्राचीन मुद्राओं का अपार कोश विद्यमान है। पाश्चात्य पुरातत्त्वविद श्री वोगेल ने भी अपनी पुस्तक 'ऐंटिक्विटीज ऑफ चंबा स्टेट' में शारदा लिपि के कुछ शिलालेखों, पुरातन ताम्रपत्रों और प्रशस्तियों की प्रतिलिपियाँ संकलित ही हैं। इनकी लिपि के स्वरूप तथा लेखनशैली से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि यह लिपि सहस्रों वर्ष पूर्व अस्तित्व में आ चुकी थी। हालाँकि इस लिपि के उत्पत्तिकाल का निश्चित अनुमान लगा पाना कठिन है, लेकिन अद्यावधि पर्यन्त उपलब्ध शिलालेखों, ताम्रपलों, मुद्रालेखों आदि के आधार पर प्रसिद्ध पुरातत्त्वविदों के अलग-अलग मन्तव्य हैं। ब्युलर ने कांगडा से प्राप्त अभिलेख 'बैजनाथ प्रशस्ति' के आधार पर शारदा लिपि का समय आठवीं शताब्दी माना है। किल्हॉर्न बारहवीं शताब्दी मानते हैं। हॉर्नेल ने सातवीं शताब्दी माना है तो १. Buhler, G, Kashmir Report, Calcutta, १९६१, P.७६. २. J.PH.Vogel, Antiquities of Chamba State, pt.l.p. ४४. ३. JASB, Vol. LX, p. ९०. For Private and Personal Use Only
SR No.525301
Book TitleShrutsagar 2015 07 08 Volume 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy