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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संपादकीय श्रुतसागरनो आठमो अने नवमो अंक तमारा हाथमां छे. विशेष कारणसर आ अंकने संयुक्त करेल छे जान्युआरी अने फेब्रुआरी एम कुल बे मासना अंकोने आ एक अंकमां ज समाविष्ट करेल छे. दर मासे पूरी सज्जता होवा छतां पण केटलांक महत्त्वना कार्योने पूर्ण करवामां व्यस्त थवातु होवाथी वाचको अमने दरगुजर करे. पूज्यपाद योगनिष्ठ आचार्यदेव श्री बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म. सा.नी अध्यात्मधाराथी आलेखायेल तीर्थयात्रानुं विमान पुस्तकमांथी चूंटेला अंशने गुरुवाणी हेठळ प्रकाशित कर्यो छे. पूज्य योगनिष्ठ आचार्यदेवश्रीनी अनुपम कवि प्रतिभानुं गान करती एक पद्य रचना 'सेवा' आ अंकमा प्रकाशित करी छे. रचना सुगम, अर्थपूर्ण अने अति रसाळ होवाथी शब्दोनी नाळमां प्रवाहित थतो भाव वाचकहृदयने भीनुं भीनुं करे छे. पूज्य आचार्यश्रीए सेवाधर्मना दरेक प्रकारो अने एना दरेक पासाओने आ रचनाना माध्यमे आवरी लीधा छे. सर्व जीवोना प्रतिबोध जेवी उन्नत घटनाथी प्रारंभ थती आ रचना सेवाना दरेक आयाम उपर पूरतो उजास पाथरे छे. अप्रकाशित कृतिनी श्रेणिमां गुणविनय उपाध्याय कृत शांतिस्तवनी टीका प्रकाशित करी छे. टीकानी साथे साथे कृतिनो परिचय, कर्ता अने एनी केटलीक विशेषताओनो परिचय पण वाचकोना स्वाध्याय माटे आप्यो छे. विक्रमनी पंदमी सदीमां थयेल पूज्य आचार्यदेव श्री सोमसुंदरसूरीश्वरजी म. सा. जीवन कवन उपर प्रकाश पाडती अद्यावधि अप्रगट 'सोमसुंदरसूरि बिरूदावली कुलक' अत्रे प्रकाशित कर्तुं छे. भाषानी दुर्गमताने कारणे कृतिना केटलांक शब्दो, पदावली, अने घटनाबोध स्पष्ट थवा पाम्यो नथी. प्राज्ञजन आ प्रकारनी ऐतिहासिक कृतिओ उपर विचार विमर्श करी, जाणवा योग्य तथ्योने प्रकाशित करे... पुरातन लिपिओनी संशोधात्मक लेखमाळामां ब्राह्मीलिपि अने ग्रंथलिपिना लेखो प्रकाशित कर्या बाद नागरीलिपिनो संशोधनात्मक लेख आ अंकमां प्रकाशित कर्यो छे. नागरीलिपिना परिचयनी साथे नागरी लिपिनी वर्णमाळा, जोडाक्षरो, तेमज विशेष शब्दोनो उल्लेख वाचक माटे उपयोगी निवडशे. दर अंकनी जेम पुनः प्रकाशित थता लेखोनी श्रेणिमां पुरातत्त्व नामना सामायिकमांथी 'संस्कृतादि भाषाना व्याकरण, कोष, छंद काव्य अने अलंकार विषयक केटलाक प्रधान ग्रंथोनी एक ट्रंकी यादी' आ अंकमां प्रकाशित करी छे. ऐतिहासिक सामग्री रूपे दर विशेष अंके प्रकाशित थता सम्राट संप्रति संग्रहालयना प्रतिमा लेख प्रकाशित करेल छे. दर अंके प्रकाशित थती पुस्तक समीक्षामां आ वखते हृदयप्रदीप षट्त्रिंशिकानो संक्षिप्त परिचय प्रकाशित करेल छे. For Private and Personal Use Only
SR No.525297
Book TitleShrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages82
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size7 MB
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