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SHRUTSAGAR
NOVEMBER-2014
जाणवा ईच्छुक वाचकोए बृहत्संग्रहणी, क्षेत्रसमास, जैन कॉस्मोलॉजी जेवा ग्रंथोनुं अवलोकन करवुं...
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कषायोनुं उपशमन करवा माटे आपणे त्यां कथा साहित्यमां श्रेष्ठ कही शकाय एवी अजोड कथा एटले समरादित्य... आ कथा मूळ तो प्राकृतमां छे. अने एना कर्ता पू. हरिभद्रसूरिजी महाराज एटले एमां वहेता रस अने कथाना आलेखनमां शुं बाकी रहे? अलबत् कथाना सर्व रसो अने एना परिपूर्णांग वाळी कथा कही शकाय.
आ कथा उपर वर्तमानमां विविध भाषामां घणुं साहित्य उपलब्ध छे. ए उपलब्ध साहित्यमां पण एक नोखी भात पाडतुं श्री प्रियदर्शननी पोतीकी कलमे लखायेलुं समरादित्य आजे जैन अने जैनेतर समाजमां अत्यंत लोकप्रिय छे. ए संपूर्ण कथानुं हिन्दी रूपांतरण नवा साज सज्जा साथे श्री नाकोडातीर्थे सूरि सिंहासनारोहण महोत्सव प्रसंगे (भाग १-९नुं) विमोचन थई रह्युं छे.
श्रुतसागरना वाचकोने समरादित्यनो परिचय थाय, जीवनमां सर्जाता कषायो, आवेगो, उकळाट, अने अशांति खरेखर आवी औषध जेवी कथाना वाचनथी उपशमे एज आशयथी जैन सत्यप्रकाशमांथी समराईच्च कहानो परिचय अत्रे साभार प्रकाशित कर्यो छे. आगामी दिवसोमां आ कथा ज्ञानमंदिरना वितरण स्थळेथी आप प्राप्त करी शकशो.
योगनिष्ठ प. पू. आ. गुरुदेव श्री बुद्धिसागरसूरिश्वरजी म. सा. नुं आचार्यपदनुं शताब्दिवर्ष अत्यारे प्रवर्तमान छे त्यारे पू. बुद्धिसागरसूरिश्वरजी म. सा. ना साहित्य सर्जननी पाछळ छुपायेली एमनी आध्यात्मिक प्रतिभानो परिचय करावी आपतो लेख 'योगनिष्ठ आचार्यश्री बुद्धिसागरसूरिजी कृत आत्मदर्शन अने आत्मतत्त्वदर्शन ग्रंथो विशे थोडुंक' अत्रे प्रकाशित कर्यो छे.
आम तो आवा सर्जक के एमना सर्जन विशे ज्यारे लखातुं होय छे, त्यारे एमना विशे वांचवा मळता अने लखाता शब्दो खरेखर ओछा पडता होय छे. एमना सर्जनने के सर्जकने मूलववा... अने एटले ज लेखमां 'थोडुंक' शब्द खास उमेर्यो छे.
आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिरना प्रोग्राममां केवा केवा प्रकारनी माहितीओ अने केवी झीणवट राखवामां आवे छे. एनो वाचकोने परिचय थाय अने एना परिचय द्वारा वाचकोने आ प्रकारना स्वाध्याय माटे रुचि वधे ए हेतुसर आ प्रकारनी लेख श्रेणिमां गया अंकमां प्रकाशित 'हस्तप्रत लेखन परंपरा से सम्बद्ध विद्वान परिचय 'नो आगळनो भाग अत्रे प्रकाशित कर्यो छे.
तो विशेषांकनी श्रेणिमां सम्राट संप्रति संग्रहालयना धातुविभागमा रहेला धातुबिंबोना लेखो अले प्रकाशित कर्या छे. तो साथे साथे दर अंकमा प्रकाशित थता पुस्तक परिचयमां आ वखते चिकागो प्रश्नोत्तरनो संक्षिप्त परिचय प्रकाशित करवामां आव्यो छे. साथे साथे पदारोहण प्रसंगने पामीने पंचाचार्यपदारोहण संबंधी एक अर्वाचीन कृति 'पंचाचार्यपदप्रदानाष्टकम्' अत्रे प्रकाशित कर्तुं छे.
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