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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org संपादकीय Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिरेन के. दोशी श्रुतसागरनो छठ्ठो अंक तमारा हाथमां छे. विशेष अंकनी आ वर्षनी श्रेणिमां आ बीजो अंक प्रस्तुत छे. आम तो आ अंकने प्रकाशित करवानो समय व्यतीत थयो, पण थोडा दिवसो बाद एक विशिष्ट अवसर अमारा सहु माटे होई ए अवसर प्रसंगना आलंबने आ अंक प्रकाशित थई रह्यो छे. वात नाकोडा तीर्थमां उजवाता एक सोना जेवा अवसरनी छे. एक साथे पांच पांच श्रमण भगवंतो नमस्कार महामंत्रना तृतीय स्थाने बिराजमान थवाना छे. वीतरागस्तोत्रमां जे कलिकालनी हेमचंद्राचार्य प्रशंसा करे छे ए कलिकालने परमात्माना शासननी स्पर्शना कराववामां श्रमण भगवंतोनो बहु उदार फाळो छे. नमस्कार स्तोत्र पछी तरत ज पंचिंदिय सूत्रनी स्थापना द्वारा गुरु पदनी महत्ता अने आवश्यकता बतावी छे. गुरुतत्त्वनी महत्ता भारत के दुनियानी कोई पण संस्कृति माटे श्वासवायुना स्थाने रही छे. अने एमांय खास करीने भारतनी सांस्कृतिक परंपरामां गुरुतत्त्वनो महिमा जे रीते गवायो छे एवो प्रायः अन्य कोई संस्कृतिए के परंपराए गायो नथी. गुरुतत्त्वनी प्राप्ति माटे पश्चिम जेवा बाह्य सुख-समृद्धि प्रचुर देशना मानवने पण पूर्वनो आशरो लेवो पड्यो छे. आवा विशिष्ट गुरुतत्त्वनी उपासना अने आराधना करवानो अवसर आपणने सहुने सद्भाग्ये प्राप्त थयो छे. आपणे सहु ए अवसरने आदरपूर्वक वधावीए... आ अंकनी वातः गया अंकमा प्रकाशित वाक्संयम अंगे पूज्य गुरुदेवश्रीए आपेल प्रवचनने आ अंकमा एज प्रवचननो आगळनो भाग प्रकाशित कर्यो छे. तो साथे साथे वाचकोनी मांगणीने अनुसार पूज्य गुरुभगवंत श्रीए आपेल प्रवचनोने गुजराती अने अंग्रेजी भाषामां पण प्रकाशित करवानुं प्रारंभ कर्तुं छे. आ अंकमां आचार्य श्री रत्नशेखरसूरिजी कृत नन्दीश्वरद्वीप स्थित जिनभवनपूजा प्रकाशित करी छे. आखी पूजा संस्कृतमां छे. आवा विशिष्ट विषयोने आवरी लेती गीर्वाणभाषानी आ प्रकारनी कृति पूजा साहित्यमां एक नवी भात पाडे छे. श्रुतसागर पत्रिकाना माध्यमे आ कृति सौ प्रथम वार प्रकाशित थवा पामी रही छे. एनो अमने खूब आनंद छे. आ प्रकारनी विशिष्ट कृति पाठववा बदल पू. मुनिवर्य सुयश-सुजसचंद्रविजयजी म. सा. अगणित आभारना अधिकारी छे. श्री ज्ञानमंदिरमां संगृहीत माहितीओना आधारे नन्दीश्वर द्वीप संबंधी अन्य कृतिओनी सूचि अत्रे आपी छे, जे उपयोगी नीवडशे. नन्दीश्वर द्वीपनी प्रस्तावनामां नन्दीश्वर द्वीप संबंधी संक्षिप्त माहितीओ प्रकाशित करी छे. नन्दीश्वर द्वीप संबंधी वधु For Private and Personal Use Only
SR No.525295
Book TitleShrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size7 MB
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